एकीकृत सैन्य कमान का निर्बाध क्रियान्वयन, एआई का उपयोग: सेना के सुधारों का खाका

एकीकृत सैन्य कमान का निर्बाध क्रियान्वयन, एआई का उपयोग: सेना के सुधारों का खाका

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  • Publish Date - January 9, 2025 / 12:32 PM IST,
    Updated On - January 9, 2025 / 12:32 PM IST

नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा) एकीकृत सैन्य कमान ‘‘निर्बाध तरीके से शुरू करने’’ के लिए उठाए जा रहे सक्रिय कदम, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन लर्निंग के माध्यम से स्वदेशी समाधानों का उपयोग एवं रक्षा कूटनीति को बढ़ावा देना, 2025 में सेना के सुधारों के खाका का हिस्सा हैं। सेना के लिए 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किया गया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक जनवरी को ऐतिहासिक घोषणा में 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किया था, जो अधिक चुस्त, तकनीकी रूप से उन्नत और युद्ध के लिए तैयार सशस्त्र बलों की ओर एक निर्णायक बदलाव का संकेत है।

इस दूरदर्शी घोषणा में नौ व्यापक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसका उद्देश्य भारत के रक्षा तंत्र को ‘21वीं सदी की शक्ति’’ में बदलना है।

रक्षा सूत्रों ने बुधवार को बताया कि भारतीय सेना ने ‘‘भविष्य के लिए तैयार सेना की दिशा में अपना रास्ता तय करने’’ के लिए इस खाके के साथ अपनी परिवर्तनकारी पहलों की दिशा में ‘‘तेजी से कदम बढ़ाना शुरू’’ कर दिया है।

‘सुधारों का वर्ष’, सेना द्वारा पहले से अपनाए गए ‘परिवर्तन का वर्ष’ (2023) और ‘प्रौद्योगिकी अपनाने का वर्ष’ (2024-2025) घोषित किए जाने के तुरंत बाद आया है।

एक सूत्र ने कहा, ‘‘सार्थक बदलाव के लिए अधिक समय की आवश्यकता’’ को स्वीकार करते हुए सेना ने पहले ही 2023 से 2032 को ‘परिवर्तन का दशक’ माना है।’’ उसने कहा कि 2025 को ‘सुधारों के वर्ष’ के रूप में घोषित करना ‘‘इस दीर्घकालिक पहल को रणनीतिक दिशा और प्रोत्साहन प्रदान करता है’’।

रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि सुधार के लिए सेना का व्यापक दृष्टिकोण पांच प्रमुख स्तंभों पर आधारित है। ये स्तंभ क्रमश: संयुक्तता और एकीकरण, सुरक्षा बल का पुनर्गठन, आधुनिकीकरण और प्रौद्योगिकी संचार, प्रणाली और प्रक्रियाएं तथा मानव संसाधन प्रबंधन हैं।

सूत्र ने कहा, ‘‘एकीकृत सैन्य कमान को निर्बाध तरीके से शुरू करने के लिए सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं।’’

भाषा सुरभि मनीषा

मनीषा