गोपेश्वर, पांच अक्टूबर (भाषा) राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) के चार पर्वतारोही 6,000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर फंसे विदेशी पर्वतारोहियों का पता लगाने के लिए शनिवार को चौखंबा तृतीय चोटी के आधार शिविर पहुंचे। वहीं पर्वतारोहियों की तलाश कर रहे भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर लगातार दूसरे दिन खाली हाथ लौटे।
उत्तराखंड के चमोली जिला के आपदा प्रबंधन अधिकारी एन. के. जोशी ने कहा कि भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने अमेरिका और ब्रिटेन की दो महिला पर्वतारोहियों का पता लगाने के लिए कई उड़ानें भरीं, लेकिन उनका पता नहीं चल सका।
उन्होंने कहा कि पर्वतारोहण में प्रशिक्षित एसडीआरएफ कर्मियों की चार सदस्यीय टीम तलाशी अभियान में सहायता के लिए करीब 5,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित आधार शिविर में उतरी है।
उन्होंने कहा कि रणनीति पैदल ही उनकी तलाश करने की है। गोपेश्वर में जिला अधिकारियों को बृहस्पतिवार को पर्वतारोहियों के चोटी के रास्ते में फंसे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद तलाश और बचाव अभियान में मदद के लिए भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मांग की गई।
शुक्रवार को दिनभर चले अभियान के बाद भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों के खाली हाथ लौटने के बाद शनिवार को तलाश अभियान फिर से शुरू हुआ।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने बताया कि अमेरिका की मिशेल थेरेसा ड्वोरक और ब्रिटेन की फेव जेन मैनर्स 6,995 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चौखंबा तृतीय चोटी पर जाते समय 6,015 मीटर की ऊंचाई पर फंस गईं और उनके रसद व तकनीकी उपकरण गिर गए।
ड्वोरक और मैनर्स ‘इंडिया माउंटेनियरिंग फाउंडेशन’ के एक विदेशी पर्वतारोहण अभियान का हिस्सा थे। यह अभियान 18 सितंबर को शुरू हुआ था और 18 अक्टूबर को समाप्त होना था।
भाषा जोहेब अविनाश
अविनाश