बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर में कमी आई, लेकिन चुनौतियां बरकरार : आर्थिक समीक्षा

बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर में कमी आई, लेकिन चुनौतियां बरकरार : आर्थिक समीक्षा

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  • Publish Date - January 31, 2025 / 09:35 PM IST,
    Updated On - January 31, 2025 / 09:35 PM IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण (2024-25) में कहा गया है कि हाल के वर्षों में बच्चों के स्कूल छोड़ने (ड्रॉपआउट) की दर में लगातार कमी आई है, लेकिन इस संबंध में अब भी चुनौतियां बरकरार हैं।

समीक्षा में कहा गया है, ‘‘हाल के वर्षों में स्कूल छोड़ने की दर में लगातार कमी आई है, जो प्राथमिक स्तर पर 1.9 प्रतिशत, उच्च प्राथमिक स्तर पर 5.2 प्रतिशत और माध्यमिक स्तर पर 14.1 प्रतिशत है। हालांकि, अब भी चुनौतियां बरकरार हैं…।’’

आर्थिक समीक्षा में इस बात को रेखांकित किया गया है कि भारत की स्कूल शिक्षा प्रणाली 14.72 लाख विद्यालयों में 98 लाख शिक्षकों के साथ 24.8 करोड़ छात्रों को शिक्षा प्रदान करती है। सरकारी विद्यालयों में कुल 50 प्रतिशत छात्र हैं और 51 प्रतिशत शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि निजी विद्यालयों में 32.6 प्रतिशत विद्यार्थी और 38 प्रतिशत शिक्षक कार्यरत हैं।

इसमें कहा गया है, ‘‘उद्योग 4.0 के आगमन के साथ स्कूलों में कौशल शिक्षा का महत्व काफी बढ़ गया है, जो स्वचालन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स , बिग डेटा और रोबोटिक्स द्वारा परिभाषित एक अत्यधिक गतिशील और कौशल-गहन युग है। इस औद्योगिक क्रांति ने विनिर्माण और कृषि जैसे क्षेत्रों में उत्पादन और वितरण को नया रूप दिया है, जिससे कुशल कार्यबल की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।’’

समीक्षा में भारत में ग्रामीण-शहरी डिजिटल विभाजन का उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है, ‘‘व्यापक वार्षिक मॉड्यूलर सर्वेक्षण 2022-23 के डेटा से भारत में ग्रामीण-शहरी डिजिटल विभाजन का पता चलता है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट-सर्च क्षमताएं कम हैं, खासकर महिलाओं के बीच। ग्रामीण क्षेत्रों में 63 प्रतिशत पुरुष और 55 प्रतिशत महिलाएं जानकारी के लिए इंटरनेट पर सर्च सकती हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में 74 प्रतिशत पुरुष और 69 प्रतिशत महिलाए जानकारी के लिए इंटरनेट पर सर्च कर सकती हैं।’’

भाषा

अविनाश धीरज

धीरज