ओबीसी सूची विवाद: पश्चिम बंगाल की याचिका पर पहले सुनवाई करने पर विचार करेगा न्यायालय

ओबीसी सूची विवाद: पश्चिम बंगाल की याचिका पर पहले सुनवाई करने पर विचार करेगा न्यायालय

  •  
  • Publish Date - September 13, 2024 / 01:46 PM IST,
    Updated On - September 13, 2024 / 01:46 PM IST

नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों और सरकारी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण देने के लिए कई जातियों, ज्यादातर मुस्लिम समूहों का ओबीसी दर्जा रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई की तारीख पहले करने पर विचार करेगा ।

अभी तय कार्यक्रम के अनुसार शीर्ष अदालत को अपील पर 30 सितंबर को सुनवाई करनी है और तृणमूल कांग्रेस नीत राज्य सरकार समेत वादियों ने सुनवाई की तारीख पहले करने की अपील की है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता एन के कौल ने कहा कि 77 समुदायों को ‘आरक्षण से बाहर’ कर दिया गया है और इस फैसले के कारण उनसे संबंधित प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

प्रधान न्यायाधीश ने कौल से कहा, ‘‘मैं दोपहर के बाद आदेश सुनाऊंगा।’’

शीर्ष अदालत ने इससे पहले 5 अगस्त को राज्य सरकार से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सूची में शामिल की गई नई जातियों के सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन और सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में उनके अपर्याप्त प्रतिनिधित्व पर मात्रात्मक आंकड़े उपलब्ध कराने को कहा था।

उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर निजी वादियों को नोटिस जारी करते हुए पीठ ने प्राधिकारियों से हलफनामा दाखिल कर जातियों, खासकर मुस्लिम समूहों को ओबीसी सूची में शामिल करने से पहले उसके और राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा किए गए परामर्श (यदि कोई हो) का ब्यौरा देने को कहा था।

उच्च न्यायालय ने 22 मई को पश्चिम बंगाल में कई जातियों को 2010 से दिया गया ओबीसी का दर्जा रद्द कर दिया था और सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों तथा सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में उनके लिए आरक्षण को अवैध करार दिया था।

भाषा वैभव नरेश

नरेश