न्यायालय ने आवास खरीदारों की परेशानी पर ध्यान दिया, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से प्रस्ताव मांगा

न्यायालय ने आवास खरीदारों की परेशानी पर ध्यान दिया, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से प्रस्ताव मांगा

  •  
  • Publish Date - December 18, 2024 / 12:38 AM IST,
    Updated On - December 18, 2024 / 12:38 AM IST

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने आवास खरीदारों की परेशानी को देखते हुए मंगलवार को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीएनआईडीए) से शिकायत निवारण के लिए प्रस्ताव पेश करने को कहा और समय पर जवाब दाखिल न करने पर उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने जीएनआईडीए के रवैये पर असंतोष व्यक्त किया और कहा, ‘आप इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार हैं। बेशक, डेवलपर्स ने घर खरीदने वालों से पैसे कमाए हैं, लेकिन इससे आपके कृत्यों को माफ नहीं किया जा सकता।’

पीठ ने कहा कि अगर जीएनआईडीए घर खरीदारों की शिकायतों के निवारण के लिए कोई योजना नहीं लेकर आता है तो वह इस पूरी ‘गड़बड़ी’ की सीबीआई जांच का आदेश दे सकती है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आप 10 दिनों में कोई योजना लेकर आएं… अन्यथा हम सीबीआई जांच का आदेश देंगे…आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आवास खरीदारों के हितों की रक्षा हो। आप भी इस समस्या का हिस्सा हैं। आपने इस गड़बड़ी को पैदा होने दिया।’’

पीठ ने जीएनआईडीए को सुझाव दिया कि वह पूरी जमीन अपने कब्जे में ले, परियोजनाओं का विकास करे और घर खरीदने वालों को फ्लैट दे।

जीएनआईडीए से विस्तृत हलफनामा मांगते हुए पीठ ने उसे जमीन के आवंटन की तारीख और निजी कंपनी के पक्ष में लीज डीड के निष्पादन की तारीख सहित सभी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा।

आठ सौ से अधिक आवास खरीदारों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता शोएब आलम ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम (पीएसयू) रुकी हुई परियोजनाओं को विकसित करने और जीएनआईडीए तथा अन्य को बकाया राशि का भुगतान करने को तैयार है एवं इसके अलावा, किसी भी लेनदार या निवेशक को कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा।

शीर्ष अदालत कर्ज में डूबी रियल्टी फर्म अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की दिवालिया कार्यवाही के संबंध में राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के फैसले से उत्पन्न 12 अपीलों पर सुनवाई कर रही थी।

भाषा सुरेश आशीष

आशीष