न्यायालय ने जीआरएपी-चार प्रतिबंधों के बावजूद अदालत परिसर में निर्माण कार्य का संज्ञान लिया

न्यायालय ने जीआरएपी-चार प्रतिबंधों के बावजूद अदालत परिसर में निर्माण कार्य का संज्ञान लिया

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  • Publish Date - November 18, 2024 / 11:37 PM IST,
    Updated On - November 18, 2024 / 11:37 PM IST

नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में खतरनाक वृद्धि से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को जीआरएपी-चार प्रतिबंधों के बावजूद शीर्ष अदालत परिसर के अंदर चल रहे निर्माण कार्य पर सवाल उठाया।

जैसे ही यह तथ्य न्यायमूर्ति अभय एस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ के संज्ञान में लाया गया, उसने शीर्ष अदालत के महासचिव को उपस्थित होकर गतिविधियों से अवगत कराने को कहा।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के चौथे चरण के प्रतिबंधों के बावजूद शीर्ष अदालत की कोर्ट-11 के बाहर निर्माण कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने दोपहर के अवकाश के समय देखा कि निर्माण कार्य चल रहा था।’’

जीआरएपी-चार लागू होने की स्थिति में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर पाबंदी है।

न्यायमूर्ति ओका ने ‘कोर्ट मास्टर’ से महासचिव को बुलाने को कहा, जो बाद में अदालत में उपस्थित हुए और पीठ को काम के बारे में जानकारी दी। पीठ ने महासचिव से मामले पर गौर करने को कहा।

भाषा आशीष सुरेश

सुरेश