न्यायालय ने पनीरसेल्वम, उनके संबंधियों के खिलाफ मामला बहाल करने के आदेश पर रोक लगाई

न्यायालय ने पनीरसेल्वम, उनके संबंधियों के खिलाफ मामला बहाल करने के आदेश पर रोक लगाई

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  • Publish Date - November 29, 2024 / 03:44 PM IST,
    Updated On - November 29, 2024 / 03:44 PM IST

नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम को राहत देते हुए, उनके तथा उनके परिवार के सात सदस्यों के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति का मामला बहाल करने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) से निष्कासित नेता पनीरसेल्वम द्वारा दायर याचिका पर तमिलनाडु पुलिस और अन्य को नोटिस जारी किया।

पीठ ने कहा, ‘‘मौजूदा मामले में मद्रास उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 397 के तहत स्वत: संज्ञान लेकर आपराधिक पुनरीक्षण की शक्तियों का इस्तेमाल किया गया है। नोटिस जारी किया जाए।’’

इस बीच, शीर्ष अदालत ने फैसले के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी।

मद्रास उच्च न्यायालय ने 29 अक्टूबर को एक अधीनस्थ अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया था जिसमें पनीरसेल्वम और उनके परिवार के सात सदस्यों के खिलाफ मामले में अभियोजन वापस लेने की अनुमति देने के साथ उन्हें आरोपमुक्त कर दिया गया था।

अदालत ने तीन दिसंबर 2012 को पारित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/विशेष न्यायाधीश, शिवगंगा के आदेश को रद्द कर दिया था।

न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने मुकदमे को बहाल करते हुए कहा था कि दो आरोपियों की इस बीच मौत हो गई है इसलिए उनके खिलाफ कार्यवाही समाप्त कर दी जाएगी।

सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने आरोप लगाया है कि पनीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री के रूप में अपने पूर्व के कार्यकाल के दौरान अपने और अपने रिश्तेदारों के नाम पर आय के ज्ञात स्रोतों से 374 गुना अधिक संपत्ति अर्जित की।

भाषा

सिम्मी नरेश

नरेश