SC on Bulldozer Action: बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- जज नहीं बन सकते अफसर, बगैर नोटिस के गिराया तो देना होगा खर्च

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- जज नहीं बन सकते अफसर, SC on Bulldozer Action: Supreme Court issued guidelines on bulldozer action

  •  
  • Publish Date - November 13, 2024 / 11:52 AM IST,
    Updated On - November 13, 2024 / 01:16 PM IST

नई दिल्ली: SC on Bulldozer Action उच्चतम न्यायालय ने हाल में चलन में आए ‘बुलडोजर न्याय’ पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संपत्तियों को ध्वस्त करने के संबंध में बुधवार को अखिल भारतीय स्तर पर दिशानिर्देश जारी किये और कहा कि कार्यपालक अधिकारी न्यायाधीश नहीं बन सकते, आरोपी को दोषी करार नहीं दे सकते और उसका घर नहीं गिरा सकते।

Read More : Sunil Soni Casts His Vote: ‘हर व्यक्ति तक पहुंचेगी मोदी और विष्णुदेव साय की गारंटी..’ वोट डालने के बाद भाजपा प्रत्याशी ने किया दावा

SC on Bulldozer Action न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि लोगों के घर सिर्फ इसलिए ध्वस्त कर दिए जाएं कि वे आरोपी या दोषी हैं, तो यह पूरी तरह असंवैधानिक होगा। न्यायमूर्ति गवई ने फैसला सुनाते हुए कहा कि महिलाएं और बच्चे रातभर सकड़ों पर रहें, यह अच्छी बात नहीं है। पीठ ने निर्देश दिया कि कारण बताओ नोटिस दिए बिना कोई तोड़फोड़ नहीं की जाए और नोटिस जारी किए जाने के 15 दिनों के भीतर भी कोई तोड़फोड़ नहीं की जाए।

Read More : Raipur South Assembly By Election Voting Percentage: रायपुर दक्षिण विधानसभा की 266 बूथों पर मतदान जारी.. जानें सुबह 11 बजे तक कितनी प्रतिशत हुई वोटिंग 

पीठ ने निर्देश दिया कि ढहाने की कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराई जाए । पीठ ने यह स्पष्ट किया कि यदि सार्वजनिक भूमि पर अनधिकृत निर्माण हो या अदालत द्वारा विध्वंस का आदेश दिया गया हो तो वहां उसके निर्देश लागू नहीं होंगे। इसने कहा कि संविधान और आपराधिक कानून के आलोक में अभियुक्तों और दोषियों को कुछ अधिकार और सुरक्षा उपाय प्राप्त हैं। उच्चतम न्यायालय ने देश में संपत्तियों को ढहाने के लिए दिशा-निर्देश तय करने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर यह व्यवस्था दी।