न्यायालय ने शुआट्स के कुलपति और अन्य को धर्मांतरण मामले में प्राप्त गिरफ्तारी से संरक्षण बढ़ाया

न्यायालय ने शुआट्स के कुलपति और अन्य को धर्मांतरण मामले में प्राप्त गिरफ्तारी से संरक्षण बढ़ाया

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  • Publish Date - January 30, 2024 / 05:39 PM IST,
    Updated On - January 30, 2024 / 05:39 PM IST

नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कथित अवैध धर्मांतरण, दुष्कर्म और अनैतिक तस्करी के एक मामले में उत्तर प्रदेश के सैम हिगिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी और विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) के कुलपति राजेंद्र बिहार लाल और संस्थान के कुछ अन्य अधिकारियों को प्राप्त गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण मंगलवार को बढ़ा दिया।

विश्वविद्यालय की एक पूर्व संविदा कर्मचारी ने उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में चार नवंबर, 2023 को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को कुलपति की याचिका पर एक सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘अगली सुनवाई की तारीख तक अंतरिम आदेश जारी रहेगा।’’

उसने मामले में अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद करना तय किया।

राजेंद्र बिहारी लाल और अन्य ने आत्मसमर्पण के लिए कहने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

उच्च न्यायालय ने 11 दिसंबर, 2023 के अपने आदेश में कहा था, ‘‘चूंकि याचिकाकर्ताओं पर जघन्य अपराध के आरोप हैं, इसलिए हम उन्हें निर्देश देते हैं कि उन्हें 20 दिसंबर, 2023 को या उससे पहले अदालत में आत्मसमर्पण कर देना चाहिए और नियमित जमानत के लिए आवेदन करना चाहिए।’’

भाषा वैभव माधव

माधव