नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को निर्देश दिया कि उस व्यक्ति को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए जिसका घर 2019 में सड़क चौड़ी करने के लिए गिरा दिया गया था।
सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों के रुख पर अप्रसन्नता भी जताई।
भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से कहा कि महाराजगंज जिले में अवैध तरीके से मकान गिराने से संबंधित मामले में जांच कराई जाए।
पीठ 2019 में सड़क चौड़ी करने की एक परियोजना के लिए मकान गिराए जाने से संबंधित मामले में सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा, ‘‘आप ऐसा नहीं कर सकते कि बुलडोजर लेकर आएं और रातों रात मकान गिरा दें।’’
भाषा
वैभव मनीषा
मनीषा
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
होटल में लड़की के साथ सेक्स.. यौन वर्धक दवाई का…
18 mins agoसड़क चौड़ी करने के लिए मकान गिराने के मामले में…
24 mins agoकेरल उपचुनाव : काले धन के संदेह में पुलिस ने…
29 mins ago