‘बुलडोजर न्याय’ पर न्यायालय का निर्देश ‘नफरती मुख्यमंत्रियों’ के मुंह पर करारा तमाचा: कांग्रेस

‘बुलडोजर न्याय’ पर न्यायालय का निर्देश ‘नफरती मुख्यमंत्रियों’ के मुंह पर करारा तमाचा: कांग्रेस

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  • Publish Date - September 17, 2024 / 06:26 PM IST,
    Updated On - September 17, 2024 / 06:26 PM IST

नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) कांग्रेस ने आपराधिक मामलों में आरोपियों की संपत्ति को ध्वस्त नहीं करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के निर्देश का स्वागत करते हुए मंगलवार को कहा कि यह उन ‘नफरती मुख्यमंत्रियों’ के मुंह पर करारा तमाचा है जो ‘बुलडोजर न्याय’ को बढ़ावा दे रहे हैं।

पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा भाजपा शासित कुछ दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बुलडोज़र का सहारा लेकर नफ़रत फैलाना बंद करना चाहिए।

उच्चतम न्यायालय ने समूचे देश में प्राधिकारियों को उसकी इजाजत के बिना आपराधिक मामलों में आरोपियों की संपत्ति को ध्वस्त नहीं करने का निर्देश देते हुए मंगलवार को कहा कि अगर अवैध रूप से ध्वस्तीकरण का एक भी मामला है तो यह हमारे संविधान के मूल्यों के विरुद्ध है।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने स्पष्ट किया कि उसका आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों आदि पर बने अनधिकृत ढांचों पर लागू नहीं होगा।

सुप्रिया श्रीनेत ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय का फैसला उन सब नफरती मुख्यमंत्रियों के मुंह पर करारा तमाचा है जो न्यायपालिका पर ताला लगाकर बुलडोजर न्याय को बढ़ावा देना चाहते थे। बुलडोजर का मतलब है कि आपका पुलिस प्रशासन फेल हो चुका है और आप न्यायापालिका पर ताला लगाना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बुलडोजर अब नफरत, हिंसा और राजनीतिक प्रतिशोध का प्रतीक बन चुका है। एक समुदाय के खिलाफ नफरत की आंधी को भड़काने के लिए बुलडोजर चलाया जाता है।’’

सुप्रिया का कहना है कि यह अच्छा फैसला है और उनकी पार्टी इसका स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ और भाजपा में उनके जैसे कुछ अन्य नेता बुलडोज़र का सहारा लेकर नफ़रत फैलाना अब बंद करेंगे।

उनके मुताबिक, ‘‘बुलडोजर का सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है। इसका उपयोग अराजक तत्व और गुंडे-मवाली करते हैं। चुने हुए प्रतिनिधियों को बुलडोजर से दूर रहना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने साफ कर दिया है कि यह देश संविधान से चलेगा, बुलडोजर से नहीं।

भाषा हक

हक अविनाश

अविनाश