नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार नीत धड़े को मराठी समेत अन्य अखबारों में यह अस्वीकरण (डिसक्लेमर) प्रकाशित करने का निर्देश दिया कि ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न के आवंटन का मुद्दा अदालत में विचाराधीन है।
न्यायालय के आदेश के 36 घंटे के भीतर अस्वीकरण को दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित कराने का निर्देश दिया गया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने शरद पवार और अजित पवार के नेतृत्व वाले गुटों के बीच “घड़ी” चिन्ह के कथित उपयोग और दुरुपयोग को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान दोनों गुटों को मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया।
पीठ ने दोनों गुटों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से कहा, “अदालतों में अपनी ऊर्जा बर्बाद मत कीजिए। आप दोनों को मतदाताओं को लुभाने के लिए उनके पास जाना चाहिए।”
पीठ ने अजित पवार गुट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता बलबीर सिंह से कहा कि वह 36 घंटे के भीतर मराठी सहित सभी समाचार पत्रों में प्रमुखता से इसका अस्वीकरण दें।
सिंह ने दावा किया कि उम्मीदवारों ने अपने नामांकन दाखिल कर दिए हैं और नाम वापस लेने की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है, लेकिन शरद पवार गुट पूरी चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास कर रहा है।
इसके विपरीत, शरद पवार गुट का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि “घड़ी” चुनाव चिन्ह पिछले 30 वर्षों से इस दिग्गज नेता के साथ जुड़ा हुआ है और विरोधी पक्ष इसका दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहा है।
इसलिए सिंघवी ने अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को नया चुनाव चिन्ह मांगने का निर्देश देने का अनुरोध किया।
भाषा प्रशांत पवनेश
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