Sarai Kale Khan: बदला गया राजधानी के सराय काले खां चौक का नाम, अब महान क्रांतिकारी के नाम पर होगी नई पहचान

Sarai Kale Khan: बदला गया राजधानी के सराय काले खां चौक का नाम, अब महान क्रांतिकारी के नाम पर होगी नई पहचान

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  • Publish Date - November 15, 2024 / 02:34 PM IST,
    Updated On - November 15, 2024 / 02:34 PM IST

नई दिल्ली: Sarai Kale Khan दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम अब बदल दिया गया है। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने दिल्ली के मशहूर सराय काले खां ISBT चौक का नाम बदलकर बिरसा मुंडा चौक रख दिया है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार राजधानी दिल्ली के सराय काले खां आईएसबीटी चौक का नाम बदलकर बिरसा मुंडा चौक कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी दी है।

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Sarai Kale Khan दरअसल, आज बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश की राजधानी दिल्ली में बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण किया। साथ ही इस चौंक का नाम ​भी बदल दिया गया है।

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इसके अलावा इस चौक के पास ही बिरसा मुंडा की भव्य प्रतिमा का भी अनावरण किया गया है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर ऐलान किया है कि ISBT बस स्टैंड के पास बड़ा चौक अब भगवान बिरसा मुंडा के नाम से जाना जाएगा।

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अमित शाह ने किया बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण

दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर अमित शाह ने कहा, भगवान बिरसा मुंडा का जन्म एक छोटे से गांव में हुआ था और उनकी 150वीं जयंती के अवसर पर इस वर्ष को आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। भगवान बिरसा मुंडा निश्चित रूप से आजादी के महानायकों में से एक थे। 1875 में माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करते समय उन्होंने धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाई थी। जब पूरा देश और दुनिया के दो तिहाई हिस्से पर अंग्रेजों का शासन था। उस समय उन्होंने धर्मांतरण के खिलाफ खड़े होने का साहस दिखाया।

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जानिए कौन थे काले खां?

14वीं शताब्दी के काले खां सूफी नाम के संत थे। वे शेर शाह सूरी के समय थे। इंदिरा गांधी एयरपोर्ट क्षेत्र में उनकी मजार भी बनी हुई है। सूफी संत काले खां के नाम पर दिल्ली में स्थित इलाके का नाम सराय काले खां रखा गया था। सराय काले खां के आस-पास के निजामुद्दीन, जंगपुरा, खिजराबाद, जंगपुरा एक्सटेंशन और लाजपत नगर आते हैं। जब लोग दिल्ली आते थे तो वे उन जगहों पर रूकर थोड़ी देर रूकर आराम करते थे, उन स्थानों को सराय कहा जाता था। सराय के आगे काले खां नाम जोड़ा गया था।

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