गुवाहाटीः Samvida Karmi Niyamitikaran Update देशभर के सरकारी स्कूलों में लगातार शिक्षकों की कमी देखी जा रही है। कई स्कूल तो एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है, तो कईयों में शिक्षक ही नहीं हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो, इसके लिए बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। इन शिक्षकों की पदस्थापना उन स्कूलों में की गई है, जहां शिक्षक नहीं हैं। भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम का हाल भी कुछ ऐसा ही है। यहां भी अतिथि शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई हो रही है। ये शिक्षक लगातार अपने नियमतीकरण की मांग कर रहे हैं। इसी बीच अब वहां के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बड़ा ऐलान किया है। राज्य सरकार 4,669 संविदा शिक्षकों को स्थायी नियुक्ति प्रदान करेगी।
Samvida Karmi Niyamitikaran Update मिली जानकारी के अनुसार ये सभी शिक्षक पिछले 14 साल से अधिक समय से संविदा (अस्थायी) शिक्षक के नौकरी कर रहे हैं। इससे कम अवधि के संविदा शिक्षकों को नियमितीकरण का लाभ नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि यह निर्णय शिक्षकों के लिए एक बड़ा तोहफा है और इससे उनकी सेवाओं की स्थिरता सुनिश्चित होगी। उन्होंने यह भी बताया कि स्थायी नियुक्तियों से न केवल शिक्षकों को नौकरी की सुरक्षा मिलेगी, बल्कि इससे शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार होगा। असम सरकार के फैसले से कम से कम 4,669 संविदा शिक्षकों को फायदा होगा, जो हाई स्कूलों में नौकरी कर रहे हैं। 2010 में, कांग्रेस सरकार ने पूरे प्रदेश के हाई स्कूलों में अंग्रेजी, गणित और सामान्य विज्ञान जैसे विषयों को पढ़ाने के लिए अनुबंध के आधार पर कम से कम 8,000 शिक्षकों की नियुक्ति की थी। हालांकि, कई शिक्षक वर्षों से नौकरी छोड़ चुके हैं और वर्तमान में 4,669 शिक्षक संविदा पदों पर काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, कांग्रेस के शासन के दौरान हाई स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती अनुबंध के आधार पर की जाती थी। 2021 में भाजपा सरकार ने अनुबंधित शिक्षकों की सेवा 60 वर्ष की आयु तक बढ़ा दी और उन्हें नियमित शिक्षकों के बराबर कई सुविधाएं दी गईं। शुरुआत में इन शिक्षकों को प्रति माह 8,000 रुपये का मानदेय (वेतन) मिल रहा था, जिसे बाद में बढ़ाकर 15,000 रुपये और फिर 20,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया। गौरतलब है कि असम सरकार ने हाल ही में सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग 25,000 शिक्षकों की नौकरियों को नियमित कर दिया है।