Same Sex Marriage: भारत में सेम सेक्स मैरिज को मान्यता नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार

Same sex marriage: फैसले में जस्टिस कोहली, जस्टिस भट्ट और जस्टिस नरसिम्हा की राय CJI चंद्रचूड़ और जस्टिस कौल से अलग रही। ऐसे में मामला 3-2 को हो गया और अदालत ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया।

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  • Publish Date - October 17, 2023 / 01:14 PM IST,
    Updated On - October 17, 2023 / 01:15 PM IST

Same Sex Marriage: नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भारत में LGBTQIA+ समुदाय को वैवाहिक समानता का अधिकार देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक जोड़ों को शादी का हक नहीं दिया है। शीर्ष अदालत ने 3-2 के बहुमत के साथ कहा कि समलैंगिक जोड़े के लिए शादी का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि इस बारे में संसद ही कानून बना सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सेम सेक्स मैरिज या समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया है। 5 जजों की पीठ ने यह फैसला सुनया, जिसमें भारत के मु्ख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल रहे। खास बात है कि बेंच ने पहले ही साफ कर दिया है कि यह मामला स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के दायरे में रहेगा। कोर्ट ने 11 मई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

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फैसले में जस्टिस कोहली, जस्टिस भट्ट और जस्टिस नरसिम्हा की राय CJI चंद्रचूड़ और जस्टिस कौल से अलग रही। ऐसे में मामला 3-2 को हो गया और अदालत ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया।

मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने साफ कर दिया है कि अदालत की तरफ से कानून नहीं बनाया जा सकता और विशेष विवाह अधनियिम (SMA) में बदलाव का अधिकार संसद के पास है। खास बात है कि कोर्ट ने पहले ही साफ कर दिया था कि समलैंगिक विवाह स्पेशल मैरिज एक्ट के ही दायरे में रहेगी।

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इसके पहले चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने अपना फैसला पढ़ा। उन्होंने कई सारे तर्क देते हुए केंद्र को समलैंगिक कपल को कई अधिकार देने का आदेश दिया। जस्टिस संजय किशन कौल ने भी समलैंगिक जोड़े को स्पेशल मैरिज ऐक्ट के तहत शादी रजिस्टर कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि वह भी चीफ जस्टिस के फैसले से सहमत हैं। अब जस्टिस रविंद्र भट्ट ने समलैंगिक शादी को मान्यता देने से इनकार किया। उन्होंने गोद लेने के अधिकार के चीफ जस्टिस के फैसले से भी अहसहमति जताई।