संभल (उप्र), 20 दिसंबर (भाषा) संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क के दीपा सराय मोहल्ला स्थित आवास के बाहर बनी सीढ़ियों को शुक्रवार को बुलडोजर से गिरा दिया गया।
पिछले 15 दिनों से संभल के अलग-अलग इलाकों में नालों से अतिक्रमण हटाने का अभियान चल रहा है। शुक्रवार को भारी पुलिस बल की मदद से सांसद के आवास की सीढ़ियां गिरा दी गईं।
एक अधिकारी ने बताया कि बिजली विभाग ने सांसद बर्क पर बिजली चोरी के आरोप में 1.91 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है और बिजली चोरी के आरोप में उनके आवास की बिजली आपूर्ति भी काट दी गई है।
इस बीच, उप्र के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कानून सबके लिए समान है, चाहे आम नागरिक हो या सांसद। उन्होंने कहा कि अगर कोई बिजली चोरी करता है, तो नियमानुसार कार्रवाई होनी चाहिए और दंड मिलना चाहिए।
सांसद के खिलाफ बृहस्पतिवार को विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 135 के तहत बिजली चोरी के आरोप में पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
अधिकारियों ने बताया कि बर्क के पिता ममलूकुर रहमान बर्क पर भी दीपा सराय इलाके में उनके घर पर निरीक्षण के दौरान सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर धमकाने का मामला दर्ज किया गया है।
संभल के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘संभल में बिजली को लेकर जांच अभियान जारी है। बिजली विभाग ने सांसद पर 1.91 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। उनके आवास की बिजली आपूर्ति भी काट दी गई है।’’
पुलिस ने बताया कि सांसद के खिलाफ बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 135 (बिजली की चोरी या बिजली का अनधिकृत उपयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया।
प्राथमिकी में कहा गया है, ‘‘विद्युत परीक्षण प्रयोगशाला से प्राप्त उपभोक्ता के मीटर की जांच करने पर यह स्पष्ट हो गया है कि मीटर से छेड़छाड़ कर बिजली चोरी की गई।’’
बिजली विभाग ने इलाके में सुरक्षाबलों की तैनाती के बीच बृहस्पतिवार सुबह बर्क के आवास पर निरीक्षण शुरू किया था।
सांसद बर्क उन लोगों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ पुलिस ने 24 नवंबर को हुई हिंसा के सिलसिले में मामला दर्ज किया है। संभल के कोट गर्वी इलाके में अदालत के आदेश पर मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का विरोध करने पर सुरक्षाकर्मियों के साथ हुई झड़प में चार स्थानीय लोगों की मौत हो गई थी।
पुलिस अधीक्षक (संभल) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया था कि बिजली विभाग के संतोष त्रिपाठी दीपा सराय में बिजली उपकरणों की जांच कर रहे थे, तभी वह ममलूकुर रहमान बर्क (सांसद के पिता) के घर गए और वहां बिजली उपकरणों की जांच की। इस दौरान ममलूकुर रहमान बर्क ने इंजीनियर वी. के गंगल और अजय कुमार शर्मा के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और सरकारी काम में बाधा डाली।
एसपी ने कहा, ‘‘ममलूकुर रहमान बर्क ने इंजीनियर से कहा कि सरकार बदल जाएगी और हम तुम्हें बर्बाद कर देंगे। इस दौरान उन्होंने अपशब्दों का प्रयोग किया। बिजली विभाग ने इसका वीडियो भी बनाया है।’’
बिश्नोई ने बताया कि ममलूकुर रहमान बर्क, वसीम, सलमान के खिलाफ नखासा थाने में कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बिजली विभाग के उपमंडल अधिकारी संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सांसद के आवास पर दो-दो किलोवाट के दो कनेक्शन और 10 किलोवाट का सौर पैनल है।
बिजली विभाग के एक अधिकारी ने बताया बताया कि दो दिन पहले उनके घर पर ‘स्मार्ट मीटर’ लगाए गए थे। पिछले छह महीने में मीटर में शून्य यूनिट खपत दिखाई गई।
उन्होंने बताया कि जब परिसर की जांच की गई तो उनके घर पर 16.48 किलोवाट लोड पाया गया। जब उनके दोनों बिजली मीटर लैब में भेजे गए तो एमआरआई जांच में पता चला कि दोनों मीटरों में छेड़छाड़ की गई है।’’
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान इंजीनियर अजय शर्मा और वी के गंगल ने दावा किया कि सांसद के पिता ने उन्हें धमकाया। इस संबंध में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, उपयोग और उपकरणों के आधार पर आवश्यकता आठ से 10 किलोवाट के बीच होनी चाहिए।’’
सांसद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील कासिम जमाल ने कहा था, ‘‘आवास में चार किलोवाट के दो कनेक्शन, 10 किलोवाट का सौर पैनल और पांच किलोवाट का जनरेटर है। ‘सेटअप’ में दो ‘एयर कंडीशनर’, 6-7 ‘सीलिंग फैन (छत वाले पंखे)’, एक रेफ्रिजरेटर और लाइट शामिल हैं। बिल बहुत कम है क्योंकि यहां परिवार के केवल चार सदस्य सांसद, उनकी पत्नी, उनकी मां और उनके पिता रहते हैं।’’
उप्र के उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता केशव प्रसाद मौर्य ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ”कानून सबके लिए समान है, चाहे आम नागरिक हो या सांसद। सपा के संभल सांसद यदि बिजली चोरी करते हैं, तो नियमानुसार कार्रवाई और दंड मिलना चाहिए।”
मौर्य ने पोस्ट में विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘इसे पक्ष-विपक्ष का मुद्दा बनाने के बजाय कानून के उल्लंघन के रूप में देखना चाहिए। परंतु सपा प्रमुख अखिलेश यादव का इसे मुस्लिम तुष्टिकरण की घटिया राजनीति में बदलना और चोरी पर सीनाजोरी का समर्थन देना न केवल अनुचित है, बल्कि अराजकता को बढ़ावा देना है। क़ानून की बात करें, तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करें।’’
सपा प्रमुख अखिलेश यादव मामले को लेकर उप्र सरकार पर आक्रामक हैं। सपा ने अखिलेश यादव के हवाले से एक पोस्ट में कहा, ‘‘पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली को लेकर सबसे ज्यादा किसानों को परेशान किया जा रहा है। आज मैं ऑन रिकॉर्ड कह रहा हूं किसानों और गरीबों पर सबसे ज्यादा भाजपा के लोगों ने मुकदमे दर्ज कराए हैं। कोई सुनवाई नहीं है अधिकारी उनके हैं।’’
भाषा सं. जफर आनन्द आशीष
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