अमरावती, 26 जनवरी (भाषा) आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने बुधवार को कहा कि हाल ही में कर्मचारियों को दिया गया वेतन संशोधन प्रस्ताव ‘‘यथासंभव बेहतरीन’’ है, क्योंकि सरकार को गरीबों और विभिन्न वर्गों के कल्याण को संतुलित करना था। नया वेतनमान लागू करने को लेकर राज्य के कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनधारकों की ओर से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के आह्वान के बीच राज्यपाल ने यह बात कही।
गणतंत्र दिवस पर अमरावती में तिरंगा फहराने के बाद राज्यपाल ने राज्य के नाम अपने संबोधन में प्रदर्शनकारी कर्मचारियों से अपील करते हुए कहा, ‘‘सरकार और इसके कर्मचारियों के बीच किसी चीज को नहीं आने देना चाहिए।’’
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राज्यपाल ने कहा कि कोविड जनित आर्थिक दबाव के बावजूद हम 11वें वेतन संशोधन आयोग की रिपोर्ट पर अमल कर रहे हैं, जिससे सरकारी खजाने पर 10,247 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। राज्यपाल ने कहा कि राज्य के बंटवारे और महामारी के कारण राजस्व में आई कमी के बावजूद सरकार कर्मचारियों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है और इसने मौजूदा परिस्थितियों में संशोधित वेतनमान का यथासंभव बेहतरीन प्रस्ताव दिया है।
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राज्यपाल ने कहा कि आंध्र प्रदेश देश का अकेला राज्य है जिसने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति उम्र को बढ़ाकर 62 साल कर दिया है।दूसरी तरफ कर्मचारी संशोधित वेतन आदेश को यथाशीघ्र वापस लेने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि 17 जनवरी को जारी संशोधित वेतन आदेश उनके लिए नुकसानदायक है और इससे वेतन में अभूतपूर्व कमी हो जाएगी।
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कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनधारकों की संयुक्त समिति ने वेतन संशोधन आदेश वापस नहीं लेने पर आगामी सात फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का नोटिस सरकार को दिया है। गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी, विधानपरिषद के सभापति के. मोशेन राजू और विधानसभा अध्यक्ष टी. सीताराम समेत अन्य नेता शामिल हुए।