गाजे-बाजे के साथ जूना अखाड़ा के साधु संतों ने किया नगर प्रवेश

गाजे-बाजे के साथ जूना अखाड़ा के साधु संतों ने किया नगर प्रवेश

  •  
  • Publish Date - November 3, 2024 / 07:14 PM IST,
    Updated On - November 3, 2024 / 07:14 PM IST

प्रयागराज, तीन नवंबर (भाषा) तेरह अखाड़ों में सबसे बड़े श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के साधु संतों ने गाजे-बाजे के साथ प्रयागराज नगर में प्रवेश किया। नगर प्रवेश झूंसी के रामापुर से प्रारंभ होकर यमुना नदी के तट पर स्थित श्री मौज गिरि आश्रम में संपन्न हुआ।

जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने बताया कि इस नगर प्रवेश में विभिन्न प्रांतों से करीब एक हजार साधु संत आए हैं जो दत्तात्रेय जयंती तक मौज गिरि आश्रम में प्रवास करेंगे।

जूना अखाड़ा के साथ ही किन्नर अखाड़ा के साधु संत भी नगर प्रवेश में सम्मिलित हुए जिनमें किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण, महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि और अन्य साधु संत शामिल हुए।

इस नगर प्रवेश में साधु संत घोड़े और रथ पर सवार होकर निकले और चौराहों पर पुलिस अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया। कीडगंज में नगर के महापौर गणेश केसरवानी ने बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ साधु संतों का माला पहनाकर स्वागत किया।

जूना अखाड़ा के संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा, “आज यमुना के तट पर साधु संत पूजा पाठ करेंगे और दत्तात्रेय जयंती तक मौज गिरि आश्रम में प्रवास करेंगे।”

उन्होंने बताया, “शरद पूर्णिमा के दिन जूना अखाड़ा के साधु संत रामापुर में आए थे और उस दिन गंगा स्नान किया। अब नगर प्रवेश के पूरे कार्तिक माह साथ साधु संत यमुना में स्नान करेंगे और कालिंदी उत्सव मनाएंगे। कुम्भ मेला क्षेत्र में भूमि आबंटित होने के बाद सरकार की अनुमति से हम कुम्भ मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे।”

जूना अखाड़ा के नगर प्रवेश के दौरान किसी तरह के विघ्न से बचने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था।

संगम नगरी में महाकुम्भ मेला मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025) से शुरू होकर महाशिवरात्रि तक चलेगा जिसमें 40 करोड़ से अधिक लोगों के शामिल होने का अनुमान है।

भाषा राजेंद्र नोमान

नोमान