नई दिल्लीः Saiba Becomes Janhvi and Marry with Jitendra राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा।। इलाके में बीते 18 मई को एक युवती की लाश मिली थी, जिसके बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। बताया जा रहा है कि युवती की लाश कपड़ों से लपटी हुई थी और उसके हाथ में एक टैटू बना हुआ था, जिसमें साइबा लिखा हुआ था। लेकिन स्थानीय लोगों ने उसकी पहचान जाह्नवी के रूप में की। पुलिस के सामने ये सवाल पहले ही था कि युवती की हत्या हुई है या खुदकुशी का मामला है। अब शिनाख्त के बाद पुलिस ये सोचने के लिए मजबूर थी कि युवती जाह्नवी है या साइबा? लेकिन आखिरकार पुलिस ने मामला सुलझा ही लिया और सनसनीखेज खुलासा किया है।
Saiba Becomes Janhvi and Marry with Jitendra मामले में खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि युवती के टैटू के आधार पर पुलिस की कई टीमें भी लड़की की पहचान पता लगाने में जुटे हुए थे। तभी एक दुकानदार ने लड़की की पहचान कर ली। उसने बताया कि वह उस टैटू वाली लड़की को जानता है क्योंकि वह अक्सर उसकी दुकान पर सामान लेने आती थी। साथ ही उसने यह भी बताया कि लड़की का नाम साइबा नहीं, बल्कि जाह्नवी है।
दुकानदार की बात सुनते ही पुलिस चौंक गई। उन्होंने पूछा कि किसके घर में रहती थी वो लड़की। तो दुकानदार ने बताया कि यहीं पास के एक मकान में अपने पति के साथ किराए पर रहती थी और उसके पति का नाम जितेंद्र है। उसने ये भी बताया कि जाह्नवी अक्सर उसकी दुकान में सामान लेने आती थी। लेकिन कुछ दिन से वह नहीं आ रही थी, जिसके चलते उसने जितेंद्र से भी जाह्नवी के बारे में पूछा। लेकिन तब जितेंद्र ने उसे बताया कि जाह्नवी 16 मई की सुबह ही अपने मायके चली गई है। पुलिस हैरान थी कि अगर जाह्नवी ससुराल से मायके के लिए निकली थी और वह वहां नहीं पहुंची तो क्या इस बात की जानकारी जितेंद्र को नहीं थी? क्या उसने अपनी पत्नी के बारे में पता लगाने के बारे में नहीं सोचा? और अगर वह लापता हो भी गई थी तो जितेंद्र ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज करवाई?
ऐसे कई सवाल पुलिस के मन में उठे तो उन्होंने दुकानदार से जितेंद्र का पता पूछा। फिर जल्द ही जितेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। पहले तो जितेंद्र उनके सामने ऐसा दिखाने लगा कि वह किसी जाह्नवी को जानता ही नहीं है। फिर थोड़ी सख्ती दिखाई गई तो कहने लगा कि जाह्नवी उसकी पत्नी है और दोनों के बीच किसी बात को लेकर लड़ाई हो गई है। इसलिए वह गुस्सा होकर मायके चली गई है। इसके बाद से उनके बीच कोई बात नहीं हुई। पुलिस ने फिर उसे जाह्नवी की फोटो दिखाई वह चौंकने का नाटक करने लगा और फूट-फूट कर रोने लगा। रोते हुए वह कह रहा था कि वो घर से तो बिल्कुल सही सलामत निकली थी। लेकिन ये कैसे हुआ? जितेंद्र पहले इसे सुसाइड का केस बनाने में जुटा रहा। लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चल गया था कि हत्या के बाद उसे पानी में फेंका गया था, उसी तालाब में जो हैबतपुर गांव के ठीक पास में ही था। और यह जगह जितेंद्र के कमरे से मुश्किल से 10 से 15 मिनट की दूरी पर थी।
ऐसे में पुलिस को उस पर पूरा शक हो गया कि कहीं ना कहीं जितेंद्र ने ही हत्या के बाद उसकी लाश को तालाब में आकर फेंक दिया था। चूंकि कुछ समय पहले ही वह किराएदार बनकर वहां आया था। इसलिए जितेंद्र को लग रहा था कि कोई भी उसे नहीं जानता होगा। लेकिन घर का सामान लेने के लिए जिस दुकानदार के पास जाह्नवी जाती थी उसने टैटू की वजह से उसे पहचान लिया था। अब पुलिस ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की तब जितेंद्र ने जाह्नवी के कत्ल का राज खोल दिया। उसने बताया कि जाह्नवी का असली नाम साइबा खान था। नवंबर 2022 में इंस्टाग्राम पर उसने साइबा की रील्स देखी थीं। उसे साइबा इतनी पसंद आई कि वह उसे फॉलो करने लगा। इसके बाद फेसबुक पर भी उसने उसे रिक्वेस्ट भेजी, जिसे साइबा ने स्वीकार कर लिया।
इसके बाद दोनों के बीच चौटिंग का सिलसिला शुरू हुआ। फिर जल्द ही दोनों ने फोन नंबर भी एक दूसरे से एक्सचेंज कर लिए। दोनों गाजियाबाद में ही रहते थे इसलिए वो दोनों मिलने-जुलने भी लगे। मुलाकातों का सिलसिला कुछ यू चला कि दोनों में प्यार हो गया। फिर दोनों ने शादी करके एक साथ रहने का फैसला किया। लेकिन दोनों के घरवाले उनकी शादी को लेकर तैयार नहीं हुए। दरअसल, दोनों का धर्म अलग था। साइबा मुस्लिम थी और जितेंद्र हिंदू। लेकिन उस समय तक तो ऐसा जुनून था कि घर से अलग होकर सबकुछ दिखाने के लिए जनवरी 2023 में एक मंदिर में ऐसे ही शादी कर ली। फिर साथ में रहने लगे। हालांकि, दोनों के बीच उम्र का भी काफी फर्क था। जितेंद्र से साइबा 13 साल उम्र में बड़ी थी। जितेंद्र की उम्र करीब 22 साल थी। जबकि साइबा की उम्र 35 साल थी।
लेकिन इंस्टाग्राम पर उसकी रील्स और फोटो देखकर वो समझ नहीं पाया और उसे साइबा से प्यार हो गया। ऐसे में दोनों जब गाजियाबाद के सुदामापुरी इलाके में लिव-इन में रहने लगे तब कुछ दिन तक तो सब कुछ सही चला। लेकिन बाद में दोनों में अनबन होने लगी थी। दरअसल, साइबा हमेशा रील्स बनाने में व्यस्त रहती थी। वहीं, जितेंद्र भाटी कैब चलाता था। जितेंद्र को साइबा का इस तरह दिन भर मोबाइल में रील्स बनाना पसंद नहीं था। जब भी वो उसे टोकता तो दोनों के बीच तकरार हो जाती। लेकिन फिर दोनों नॉर्मल हो जाते। कुछ समय बाद से साइबा कहने लगी थी कि वो परिवार के सामने शादी करना चाहती है। एक शादीशुदा जिंदगी पूरे परिवार के साथ गुजारना चाहती है। लेकिन जितेंद्र के परिवार वाले दूसरे धर्म में शादी करने के पूरी तरह से खिलाफ थे। इसलिए अब धीरे-धीरे दोनों में दूरी बढ़ने लगी और लड़ाई भी होने लगी।
1 मई को साइबा और जितेंद्र दोनों बिसरख के हैबतपुर में किराए के मकान में शिफ्ट हो गए। यहां पर दोनों ने पति पत्नी बताया था। साइबा का नाम जाहन्वी बताया था। यहां दोनों साथ रहने लगे। यहां पास में ही तालाब था। इसे देखकर जितेंद्र ने पहले से ही साजिश बना ली थी कि हत्या के बाद साइबा की लाश को उसी तालाब में फेंक देगा। जितेंद्र ने पुलिस को बताया कि वे दोनों खूब शराब पीते थे। इसी बात का फायदा जितेंद्र ने उठाया। 15 मई के दिन पहले तो उसने साइबा को खूब शराब पिलाई। बाहर से खाना खरीदकर भी लाया। फिर जब साइबा को नशा हो गया तो जितेंद्र ने चाकू से उसके हाथ की नस काट दी। कुछ देर बाद काफी खून निकलने से वो और बेहोश हो गई। फिर उसने गला घोंटकर साइबा की हत्या कर दी।
अब बारी थी लाश को ठिकाने लगाने की। तो उसी रात करीब 2 बजे के आसपास जितेंद्र ने साइबा की लाश को कंधे पर उठाया और तालाब में जाकर फेंक दिया। जितेंद्र के कबूलनामे के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया। उसे कोर्ट में पेश किया गया। फिलहाल यह केस कोर्ट में चल रहा है और जितेंद्र अभी जेल में बंद है।