नई दिल्ली: Sahara India Refund Latest Update मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के अंतिम दौर में सहारा इंडिया के निवेशकों के लिए राहत देने वाला फैसला लिया था। सरकार ने सहारा इंडिया रिफंड पोर्टल लॉन्च कर निवेशकों से अपना दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया था। इसके बाद सरकार ने निवेशकों को पहली किश्त भी जारी किया था। लेकिन खबरें ये भी है कि अभी तक कई निवेशक भटक रहे हैं और उन्हें उनका पैसा नहीं मिल रहा है। वहीं, आज एक बार फिर सदन में सहारा की बकाया रकम को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी जानकारी दी है।
Sahara India Refund Latest Update दरअसल सीकर से सांसद अमरा राम ने लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान सहारा और पीएचसीएल के निवेशकों से जुड़ा सवाल उठाया। उन्होंने सदन के पटल पर प्रश्न रखा कि सहारा और पीएचसीएल में अब तक कितने निवेश हुए थे और कितना पैसा रिफंड किया गया है। उन्होंने पूछा था कि 15 हजार करोड़ से ज्यादा जमा होने के बाद भी 138 करोड़ ही क्यों लौटाए गए? इस पर पंकज चौधरी ने सेबी के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि 17 हजार के करीब लोगों ने ही आवेदन किया। इसमें 138 करोड़ रुपए दे दिया गया है।
वहीं, मध्य प्रदेश के सतना से बीजेपी सांसद गणेश सिंह ने कहा कि सहारा और पीसीएल में निवेश करने वालों की संख्या लाखों में है। सभी लोगों को अभी पैसा नहीं मिला। कुछ लोगों के पास तो कागजात भी नहीं है। पोर्टल में यह तभी मान्य होगा जब पेपर हो। एजेंट्स के माध्यम से जिन लोगों ने निवेश किया है, क्या सरकार उनके लिए कोई मैकेनिज्म डेवलप करेगी?
इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब देते हुए कहा कि 138.07 करोड़ रुपए क्लेम किए गए थे जो जारी कर दिए गए हैं। 25781 करोड़ पूरा वितरित नहीं किया जाना है। उन्होंने बताया कि सहारा इंडिया की 18 संपत्तियां अटैच की गई हैं। कोऑपरेटिव मिनिस्ट्री बनाए जाने के बाद क्लेम देने के लिए फंड की मांग की, इसमें 1.21 करोड़ क्लेम आए। 374 करोड़ रुपए क्लेम के रिलीज कर दिए गए हैं। जस्टिस सुभाष रेड्डी कमेटी इस मामले की निगरानी कर रही है। पर्ल एग्रो कोऑपरेटिव में 1.25 करोड़ क्लेम आए, इनमें रिफंड्स 1021 करोड़ रुपये के क्लेम दे दिए गए हैं। जस्टिस लोढ़ा इसकी निगरानी कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि जो भी लोग हैं वो ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर क्लेम करें। तीन जजों की कमेटी देखेगी और क्लेम जारी किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के तीन रिटायर्ड जज इसकी निगरानी कर रहे हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि निर्णय जजों की कमेटी ही करेगी, हम इस सुझाव को उनके साथ शेयर कर सकते हैं। पर्ल कंपनी की 50 हजार करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी कुर्क करके निवेशकों के पैसे वापस करने को लेकर भी सवाल हुआ। इसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि 1017 करोड़ पर्ल एग्रो से रिकवर किए गए हैं। लिटिगेशन की वजह से कई प्रॉपर्टी का ऑक्शन नहीं किया जा सकता। एम्बी वैली का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पेपर होने के आधार पर ही हम ऑक्शन नहीं कर सकते। प्रॉपर्टी को ऑक्शन करके देना होगा, निश्चित रूप से देंगे, जो पैसा हमारे हाथ में है, उसी को लेने वाले आएं पहले. हम भी चाहते हैं आपकी चिंता में शामिल होंगे।
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