शिअद के बागी नेता अकाल तख्त जत्थेदार के समक्ष पेश हुए, अकाली शासन के दौरान ‘गलतियों’ पर माफी मांगी

शिअद के बागी नेता अकाल तख्त जत्थेदार के समक्ष पेश हुए, अकाली शासन के दौरान ‘गलतियों’ पर माफी मांगी

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  • Publish Date - July 1, 2024 / 05:36 PM IST,
    Updated On - July 1, 2024 / 05:36 PM IST

चंडीगढ़, एक जुलाई (भाषा) शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के बागी नेता सोमवार को अकाल तख्त के जत्थेदार के समक्ष पेश हुए और राज्य में उनकी पार्टी के सत्ता में रहने के दौरान की गई ‘‘गलतियों’’ के लिए माफी मांगी।

बागी नेताओं ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर स्थित अकाल तख्त सचिवालय में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को माफीनामा सौंपा।

अकाल तख्त सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ है।

पत्र में नेताओं ने 2007 से 2017 के बीच पूर्ववर्ती शिअद शासन के दौरान की गई ‘‘चार गलतियों’’ के लिए माफी मांगी, जिसमें 2015 की बेअदबी की घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करने में विफलता और 2007 के ईशनिंदा मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफ करना शामिल है।

बागी नेताओं ने दावा किया कि सिख पंथ और पंजाब के लोग इन ‘‘गलतियों’’ के कारण अकाली दल से दूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वे सिख सिद्धांतों के अनुसार किसी भी सजा का सामना करने के लिए तैयार हैं।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक वर्ग ने शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ बगावत करते हुए मांग की है कि हाल में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद वह अध्यक्ष पद से इस्तीफा दें।

बगावत करने वाले प्रमुख नेताओं में पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा, पूर्व एसजीपीसी प्रमुख बीबी जगीर कौर, पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला, पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा और पार्टी नेता सुच्चा सिंह छोटेपुर शामिल हैं। ये सभी लोग अकाल तख्त जत्थेदार के समक्ष उपस्थित हुए।

भाषा

शफीक प्रशांत

प्रशांत