नई दिल्ली: राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन में फेरबदल की अटकलों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने शुक्रवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा से मुलाकात की। राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री पायलट की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से यह मुलाकात पंजाब में हुए नाटकीय घटनाक्रम के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह की जगह दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया।
पायलट ने पिछले सप्ताह भी गांधी से मुलाकात की थी। उन्होंने शुक्रवार को राहुल गांधी से दिल्ली के तुगलक रोड स्थित उनके आवास पर मुलाकात की और इस दौरान प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं। पंजाब के घटनाक्रम के बाद से ही कांग्रेस के सत्ता के गलियारे में राजस्थान को लेकर चर्चा है, जहां पर पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच नेतृत्व को लेकर खींचतान चल रही है। वहीं, छत्तीसगढ़ राहुल गांधी की सूची में अगले स्थान पर है, जहां उन्हें पार्टी की समस्या का समाधान करना है।
पायलट की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा से हुई मुलाकात में क्या चर्चा हुई इसको लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि बैठक में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन में फेरबदल पर चर्चा की गई। पायलट लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि राजस्थान में मंत्रिमंडल का विस्तार और राज्य के बोर्ड व निगमों में शीघ्र नियुक्ति की जानी चाहिए। वह जोर दे रहे हैं कि जो कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता उनके साथ काम कर रहे हैं, उन्हें उनका उचित हक पार्टी को देना चाहिए।
राजस्थान में पार्टी इकाई के अध्यक्ष के पद पर पायलट की वापसी को लेकर भी चर्चा है। हालांकि, उनके समर्थक जोर दे रहे हैं कि गहलोत को हटाकर राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन किया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने पिछले साल मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ उनकी कार्यशैली के विरोध में बगावत कर दी थी, जिसके बाद पायलट को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था।
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व राजस्थान और छत्तीसगढ़ की समस्या का समाधान करना चाहता है। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ढाई-ढाई साल के लिये शीर्ष पद के बंटवारे को लेकर कथित मौखिक समझौते का हवाला देकर भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के पार्टी प्रभारी अजय माकन ने पिछले सप्ताह कहा था कि राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन में फेरबदल की रूपरेखा तैयार है। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा था,‘‘अगर अशोक गहलोत बीमार नहीं पड़े होते, तो हम मंत्रिमंडल का विस्तार कर चुके होते और बोर्ड निगम और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए रूपरेखा तैयार है।’’
Read More: छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, हर जिले के एक स्कूल में शुरू होगी व्यावसायिक शिक्षा