जयपुर। मध्यप्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में तख्तापलट की कवायद चल रही है। राजस्थान में सियासी संकट बरकरार है। कांग्रेस पार्टी के दो दिग्गज नेता सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच तकरार खुलकर सामने आ चुकी है।
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आज लगातार दूसरे दिन कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। इस बैठक में शामिल होने के लिए सचिन पायलट को भी आमंत्रित किया है, लेकिन पायलट इस बैठक में शामिल होने से मना कर दिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को कहा कि मंगलवार सुबह 10 बजे कांग्रेस विधायक दल की एक और बैठक होगी। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि बागी तेवर दिखा रहे पायलट एवं कुछ अन्य विधायक इस बैठक में भाग लेंगे।
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इससे पहले सचिन पायलट के खुलकर बागी तेवर अपना लेने के बाद कांग्रेस ने सोमवार सुबह जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई थी, लेकिन इसमें भी पायलट और उनके समर्थक विधायक नहीं पहुंचे थे। इस बैठक में शामिल विधायकों ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था प्रकट की और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति समर्थन जताया।
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कांग्रेस ने दावा किया कि गहलोत सरकार को 109 विधायकों का समर्थन हासिल है। बैठक के बाद सभी विधायकों को बस से जयपुर के फेयर मॉन्ट होटल भेज दिया गया।
सचिन पायलट गुट के विधायक
1. विश्वेंद्र सिंह,
2. हरीश मीणा,
3. जीआर खटाणा
4. सुरेश मोदी
5. इंद्राज गुर्जर
6. राकेश पारीक
7. मुकेश भाकर
8. रामनिवास गावड़िया
9. वेद प्रकाश सोलंकी
10. बृजेंद्र ओला
11. दीपेंद्र सिंह शेखावत
बाकी विधायक किसी और जगह पर दिल्ली-एनसीआर में ही मौजूद हैं। सचिन पायलट के करीबी अभी भी 30 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। सचिन गुट का ये भी दावा है कि ये 30 विधायक कांग्रेस पार्टी के हैं। निर्दलीय विधायक इसमें शामिल नहीं हैं। यानी सचिन गुट 13 निर्दलीय विधायकों से भी संपर्क में हैं। हालांकि 13 में से 3 को पहले ही अशोक गहलोत ने निकाल दिया है।