जयपुर: Sachin Pilot Becames Union Minister पंजाब चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस नेताओं में बगावती तेवर साफ नजर आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव की हार का ठीकरा नेता एक-दूसरे के सिर फोड़ने में लगे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को लेकर ऐसा बयान दे दिया है, जो दोनों के बीच एक बार फिर दीवार खड़ी कर सकता है।
Sachin Pilot Becames Union Minister दरअसल सीएम गहलोत ने दावा किया कि यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में मैंने पायलट को केंद्र में मंत्री बनाने की सिफारिश की थी। गहलोत बोले, पायलट ने मंत्री बनने के लिए मदद मांगी थी, लेकिन मैं उससे पहले ही उनकी सिफारिश कर चुका था। उनके साथ नमोनारायण मीणा को भी मंत्री बनाने की सिफारिश की थी। गहलोत ने देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह अवाना के समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने पायलट की सिफारिश की यह बात उस समय किसी ने नहीं बताई थी, लेकिन अब सार्वजनिक कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैं जब दूसरी बार मुख्यमंत्री बना, तब राज्य में गुर्जर और मीणा समाजों के बीच जातीय संघर्ष था। उस समय वसुंधरा सरकार ने आरक्षण की मांग कर रहे गुर्जरों पर गोली चलाई थी, जिसमें 74 गुर्जरों की मौत हुई थी। मैंने दोनों समाजों के बीच दुश्मनी खत्म करवाई।
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उधर, सचिन पायलट के विश्वस्त नेता सुशील आसोपा ने कहा कि 2018 में पायलट ने सहमति दी तो गहलोत सीएम बने थे। अब गहलोत को आगे बढ़कर पायलट को सीएम बनाना चाहिए और खुद राज्यसभा में जाएं। आसोपा ने एक ट्वीट कर कहा कि पायलट को सीएम बनाओ, कांग्रेस में मजबूती लाओ।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले अशोक गहलोत ने कहा था कि बुढ़ापे में राजनीति करना हमारे जैसे बुजुर्ग नेताओं की सेहत के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए अंतिम सांस तक हमें जनता की सेवा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सलाह देना चाहूंगा कि 75 साल की उम्र के नेताओं को घर बैठाने का उनका फैसला अच्छा नहीं है। कभी कांग्रेस में कामराज फैसला हुआ था कि 60 साल के नेताओं को राजनीति से निकाल दो। मैंने पता किया कि पहले के दौर में 34 साल व्यक्ति की औसत उम्र होती थी। 1960 में कामराज ने फैसला किया उस समय औसत उम्र 40 साल होती थी। बाद में उम्र बढ़ती गई। अब औसत उम्र 70 साल है।
सीएम ने कहा कि बताओ हम घर बैठ जाएंगे तो क्या होगा, लोग मिलने भी नहीं आएंगे। घर बैठ जाएंगे तो सेहत बिगड़ जाएगी। सेहत सही रखने के लिए बुढ़ापे में राजनीति करना जरूरी है। घर बैठ जाएंगे तो हुलिया ही बिगड़ जाएगा, हम अपना हुलिया क्यों बिगाड़ें, इसलिए राजनीति अंतिम सांस तक करेंगे।