Jaishankar on Israel-Hamas war: नई दिल्ली। भारत हमेशा से शांति का पक्षधर रहा है। वहीं गाजा में इजरायल और हमास आतंकियों के बीच हो रहा युद्ध रुकने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ इजरायल हमास का हर कण मिटाने की कसम खा चुका है तो दूसरी तरफ हमास ने अपने कई कमांडरों के मारे जाने के बाद भी घुटने नहीं टेके हैं। इस युद्ध में 28 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जिसमें ज्यादातर निर्दोष महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
गाजा में चल रहे नरसंहार से पूरी दुनिया दुखी है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी आज मंगलवार को कहा कि गाजा में संघर्ष बहुत चिंता का विषय है और इससे उत्पन्न मानवीय संकट के लिए एक स्थायी समाधान की आवश्यकता है। हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजराइल पर किए गए आतंकी हमले की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है। उन्होंने कहा कि ‘आतंकवाद और निर्दोषों को बंधक बनाना’ अस्वीकार्य है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर जिनेवा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 55वें सत्र में डिजिटली सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि संघर्षों से उत्पन्न मानवीय संकटों के लिए एक स्थायी समाधान की आवश्यकता है जो सबसे अधिक प्रभावित लोगों को तत्काल राहत दे। जयशंकर ने कहा कि साथ ही, हमें स्पष्ट होना चाहिए कि आतंकवाद और बंधक बनाना अस्वीकार्य है। यह भी कहने की जरूरत नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए।
Jaishankar on Israel-Hamas war: विदेश मंत्री ने भारत की लंबे समय से चली आ रही स्थिति को भी दोहराया कि फिलिस्तीन मुद्दे का दो-राज्य समाधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि संघर्ष क्षेत्र के भीतर या बाहर न फैले। जयशंकर ने कहा कि संघर्ष विराम प्रयासों को दो-राज्य समाधान की तलाश पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जहां फिलिस्तीनी लोग सुरक्षित सीमाओं के भीतर रह सकें।