आरएसएस नेता हत्याकांड: न्यायालय ने पीएफआई सदस्यों की जमानत के खिलाफ एनआईए की याचिका पर जवाब तलब किया

आरएसएस नेता हत्याकांड: न्यायालय ने पीएफआई सदस्यों की जमानत के खिलाफ एनआईए की याचिका पर जवाब तलब किया

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  • Publish Date - December 20, 2024 / 07:12 PM IST,
    Updated On - December 20, 2024 / 07:12 PM IST

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता श्रीनिवासन की हत्या के मामले में आरोपी पीएफआई के 17 सदस्यों की जमानत के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की याचिका पर आरोपियों को नोटिस जारी करके उनसे जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ याचिका पर विचार करने पर सहमत हो गई है। सुनवाई के दौरान, अदालत को सूचित किया गया कि अब सभी मामले, जिनमें जमानत से वंचित आरोपियों द्वारा दायर मामले भी शामिल हैं, पीठ के आदेश के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए गए थे।

अदालत ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि उसके निर्देशों के बावजूद छह याचिकाएं सूचीबद्ध नहीं की गई हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘जब अदालत का आदेश है कि इस पीठ को विशेष रूप से सौंपे गए मामलों को सूचीबद्ध किया जाए तो रजिस्ट्री आदेश की अवहेलना नहीं कर सकती है और इस आधार पर मामले को सूचीबद्ध करने से इनकार नहीं कर सकती है कि प्रक्रियात्मक पहलुओं का अनुपालन नहीं किया गया है।’’

इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 17 जनवरी, 2025 की तारीख तय की गई है। केरल उच्च न्यायालय ने 25 जून को पीएफआई के 26 आरोपी सदस्यों में से 17 को जमानत दे दी थी जिन पर राज्य और देश के अन्य हिस्सों में कथित तौर पर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का मुकदमा भी चल रहा है।

शुरुआत में 16 अप्रैल, 2022 को श्रीनिवासन की हत्या के सिलसिले में 51 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसके बाद पकड़े गए लोगों में से एक की मृत्यु हो गई, लेकिन सात अन्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका क्योंकि वे फरार हैं।

भाषा

संतोष नरेश

नरेश