नईदिल्ली। कोविड आपदा मानवता पर है, भारत को विश्व के सामने अपना उदाहरण रखना है, सारे भारत को एक समूह के नाते सारे भेद भूलकर सभी को एक टीम की तरह काम करना है। ये बात RSS प्रमुख मोहन भागवत ने “हम जीतेंगे पॉजिटिविटी अनलिमिटेड” व्याख्यान श्रृंखला के आखिरी दिन शनिवार को कहा है।
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कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे और प्रभाव पर उन्होंने यह भी कहा कि हालात विपरीत हैं, लेकिन हम जीतेंगे बात भी निश्चित है। उन्होंने कहा कि समाज की जो भी आवश्यकता है संघ के स्वयंसेवक पूर्ति में लगे हैं। अब जो परिस्थिति है उसमें खुद को सुरक्षित रखना है। वर्तमान परिस्थिति कठिन है और निराश करने वाली है, लेकिन नकारात्मक नहीं होना है और मन को नकारात्मक नहीं रखना है।
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सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि मन की दृृ़ढता सामूहिकता से काम करने और सत्य की पहचान करते हुुए काम करने की बात पूर्व के वक्ताओं ने की है। मुख्य बात मन की है। मन अगर थक गया, तो दिक्कत होगी। जैसे सांप के सामने चूहा अपने बचाव के लिए कुछ नहीं करता। ऐसा नहीं होने देना है। विकृति के बीच संस्कृति की बात सामने आ रही है।
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यह समय रोजाना हमारे मन को उदास कटु बनाएगा। ऐसा होने से विनाश ही होगा, ऐसा हुआ नहीं है। सारी समस्याओं को लांघकर सभ्यता आगे बढ़ी है। समाज की चिंता और प्लेग के रोगियों की सेवा करते हुए हेडगेवार के माता-पिता चले गए, तो क्या उनका मन कटुता से भर गया,ऐसा नहीं है,बल्कि आत्मीयता का संबंध बनाया। जब विपत्ति आती है तो हमारी प्रकृति क्या है? भारत के लोग जानते हैं कि पुराना शरीर निरोपयोगी हो गया।
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