नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समर्थित संगठनों ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी जुलूस का इस्तेमाल मुस्लिम इलाकों में घुसने और लोगों को उकसाने के लिए किया है जिसके परिणामस्वरूप हिंसा हुई।
माकपा ने ‘हिंदुत्व ताकतों की योजना’ को विफल करने में सक्षम नहीं होने के लिए राज्य सरकार को दोषी भी ठहराया।
माकपा के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के ताजा संपादकीय में राज्य में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सरकार पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है।
माकपा ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि आरएसएस समर्थित संगठनों ने पश्चिम बंगाल में मुस्लिम इलाकों में प्रवेश करने के लिए रामनवमी के जुलूसों का इस्तेमाल किया है और मस्जिदों के बाहर तेज आवाज में संगीत बजाकर, भड़काने वाले नारे लगाकर और तलवारें तथा अन्य हथियार लहराते हुए लोगों को उकसाया। नतीजतन, हावड़ा और दलखोला में हिंसा भड़क उठी, जहां एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। ’’
वामपंथी दल ने कहा, ‘‘हिंदुत्व संगठनों की योजना को रोकने के लिए ठोस उपाय नहीं करने के लिए ममता बनर्जी सरकार को सीधे तौर पर दोषी ठहराया जाना चाहिए। ऐसा नहीं है कि उन्हें पहले से आगाह नहीं किया गया था।’’
माकपा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और टीएमसी दोनों सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने के प्रयासों में मिलीभगत कर रहे हैं क्योंकि वे राज्य में ऐसी राजनीति को बनाए रखने में रुचि रखते हैं, जो एक ही विषय पर आधारित हो।
भाषा रवि कांत रंजन
रंजन