मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में आपदा राहत के लिए अब तक राज्यों के वास्ते 12,554 करोड़ रुपये मंजूर

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में आपदा राहत के लिए अब तक राज्यों के वास्ते 12,554 करोड़ रुपये मंजूर

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  • Publish Date - September 18, 2024 / 05:54 PM IST,
    Updated On - September 18, 2024 / 05:54 PM IST

नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) केंद्र ने विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने के लिए इस वर्ष अब तक विभिन्न राज्यों के वास्ते 12,554 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत पांच राज्यों को उनकी अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण में सहायता के लिए 890.69 करोड़ रुपये भी मंजूर किए गए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष, राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष और राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से अब तक विभिन्न राज्यों को शहरी बाढ़ प्रबंधन, अग्निशमन सेवाओं, हिमनद झील के फटने से बाढ़ के खतरे को कम करने और अन्य आपदाओं को कम करने के प्रयासों के लिए लगभग 12,554 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, चार राज्यों के लिए हिमनद झील विस्फोट बाढ़ शमन कार्यक्रम के तहत हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश को जीएलओएफ (ग्लेशियल झील विस्फोट बाढ़) के जोखिमों को दूर करने के लिए विभिन्न संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक शमन उपायों को अपनाने के लिए 150 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

अधिकारी ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में शहरी बाढ़ प्रबंधन के लिए एकीकृत समाधान तैयार करने में राज्यों की मदद के लिए एकीकृत शहरी बाढ़ प्रबंधन परियोजना और शहरी बाढ़ जोखिम प्रबंधन कार्यक्रम के तहत 2,514.36 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।

केंद्र सरकार ने 470.50 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘आपदा मित्र योजना के विस्तार’ के रूप में ‘युवा आपदा मित्र योजना’ को भी मंजूरी दी है।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स (बीएसजी) के 2.31 लाख स्वयंसेवियों और 1,300 प्रशिक्षकों को ‘युवा आपदा मित्र योजना’ के तहत आपदा प्रतिक्रिया का प्रशिक्षण दिया जायेगा।

आपातकालीन नंबर 112 के साथ एकीकृत आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली शुरू करके, वॉयस कॉल, एसएमएस, ई-मेल, ‘पैनिक एसओएस सिग्नल’, ईआरएसएस वेब पोर्टल आदि के माध्यम से नागरिकों से प्राप्त सभी आपातकालीन संकेतों को ईआरएसएस के तहत लाया जायेगा।

सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 में संशोधन करने की भी योजना बनाई है और इस संबंध में एक विधेयक दो अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था।

विधेयक का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यरत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राष्ट्रीय कार्यकारी समिति जैसे विभिन्न केंद्रीय सरकारी संगठनों की भूमिकाओं में अधिक स्पष्टता लाना है।

भाषा देवेंद्र दिलीप

दिलीप