नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) कोलकाता में आरजी कर अस्पताल में चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में नयी दिल्ली में आंदोलनरत आरएमएल अस्पताल के डॉक्टरों ने मंगलवार को हड़ताल समाप्त कर दी।
साथ ही ‘फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (फोरडा) ने मामले में उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप का स्वागत करते हुए कहा कि इससे चिकित्सक समुदाय के हितों की रक्षा होगी।
केंद्र द्वारा संचालित राम मनोहर लोहिया अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने कहा कि केंद्र द्वारा देशभर से उनके साथियों द्वारा रखी गई सभी मांगों को स्वीकार करने के बाद उन्होंने हड़ताल वापस ले ली है।
आरडीए ने एक बयान में कहा, ‘‘स्वास्थ्य मंत्रालय और चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय ने आश्वासन दिया है कि चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर ली गई हैं तथा कार्यान्वयन के लिए 45 दिन की समय-सीमा निर्धारित की गई है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘मंत्रालय ने सभी केंद्रीय सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा कड़ी करने और राज्य सरकारों को सलाह जारी करने का भी वादा किया है।’’
डॉक्टरों ने कहा कि हालांकि उन्होंने अपनी हड़ताल स्थगित करने पर सहमति जताई है, लेकिन वे कोलकाता के आर.जी. कर अस्पताल मामले में न्याय की वकालत करना जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर शाम चार बजे से काम पर लौट आएंगे और हड़ताल अवधि के दौरान वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
वहीं, फोरडा ने एक बयान में कहा, ‘‘हम माननीय उच्चतम न्यायालय की विस्तृत सुनवाई का स्वागत करते हैं और हमारे समुदाय के व्यापक हित में उनके हस्तक्षेप पर भरोसा करते हैं। हम कोई भी फैसला करने से पहले अपने सभी पक्षकारों से विचार-विमर्श करेंगे।’’
उच्चतम न्यायालय ने, कोलकाता में एक चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद, चिकित्सकों तथा स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा तथा सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल विकसित करने के वास्ते मंगलवार को 10 सदस्यीय कार्य बल गठित किया।
यह कार्यबल तीन सप्ताह के भीतर अपनी अंतरिम रिपोर्ट और दो महीने के भीतर अंतिम रिपोर्ट सौंपेगा।
फोरडा के एक सदस्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि संघ हड़ताल पर कोई भी फैसला लेने से पहले सभी पक्षकारों के साथ एक बैठक करेगा।
एक अन्य चिकित्सक संघ ‘फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन’ (एफएआईएमए) ने कहा कि वह भी जल्द ही एक बैठक करेगा।
एफएआईएमए ने कहा, ‘‘हम जल्द ही जानकारी देंगे। प्रत्येक राज्य के आरडीए की राय पर विचार करने के बाद फैसला लिया जाएगा और यह बहुमत के फैसले पर आधारित होगा।’’
कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद मंगलवार को चिकित्सकों की हड़ताल का नौवां दिन है। वे अस्पतालों में काम कर रहे चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा पर केंद्रीय कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शनरत चिकित्सक इस मामले की सीबीआई द्वारा त्वरित और निष्पक्ष जांच तथा केंद्रीय सुरक्षा कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
भाषा शफीक मनीषा
मनीषा