हायाघाट (दरभंगा), पांच नवंबर (भाषा) भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने राजद नेता तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरी देने के वादे पर पलटवार करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना काल में बिहार छोड़कर दिल्ली भागने, विधानसभा के सत्र में अनुपस्थित रहने तथा राजद के 15 वर्षो के शासनकाल में लोगों को राज्य से पलायन को मजबूर करने के लिये ‘जंगलराज के युवराज’ को बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए ।
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दरभंगा के हायाघाट में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘ जंगलराज के युवराज तेजस्वी यादव कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत में बिहार के बजाय दिल्ली में थे। वह विपक्ष के नेता बनते हैं लेकिन विधानसभा के बजट सत्र में एक भी दिन नहीं जाते थे । विधानसभा में विपक्ष के नेता की अनुपस्थिति जनता के साथ धोखा है। इसलिए ऐसे लोगों को आराम दीजिए।’’
नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संक्रमण के समय में गरीबों की चिंता की और छठ तक राशन की व्यवस्था की ।
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भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ बिहार में आज से 15 साल पहले कभी विकास की चर्चा नहीं होती थी लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी के कारण चुनाव में जंगलराज के युवराजों को विकास की चर्चा करनी पड़ रही है। ये (विपक्ष के नेता) सत्ता से दूर हो गए हैं, बेरोजगार हो गए हैं, इनकी सबसे बड़ी चिंता यही है ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज ये 10 लाख रोजगार देने की बात कर रहे हैं…., लालू जी के राज में लाखों लोग बिहार से पलायन कर गए, उसका जवाब कौन देगा? राजद के जंगलराज में बिहार में रंगदारी, रंगबाजी, लूट-खसोट होती थी। लालू के राज में शहाबुद्दीन को संरक्षण मिलता था। इन्होंने प्रदेश में अराजकता फैलाई।’’
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महागठबंधन के नेता पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘ अपने कारनामों के लिए इन्हें बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए।’’
नड्डा ने कहा, ‘‘यह चुनाव बिहार के भविष्य का है। हमें तय करना है कि हमें राज्य को किस ओर ले जाना है।’’
राजग को जनादेश देने की अपील करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ एक तरफ विकास करने वाले लोग हैं और दूसरी ओर वे लोग हैं, जिन्होंने बिहार को विनाश की ओर ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।’’
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नड्डा ने कहा,‘‘ 15 साल पहले बिहार में डॉक्टर, इंजीनियर और ठेकेदार अपना काम नहीं कर पाते थे। तब यहां केवल रंगदारी, रंगबाजी, लूट खसोट ही चलती थी ।’’
राम मंदिर का उल्लेख करते हुए नड्डा ने कहा कि राम मंदिर के मामले में एक पक्ष के वकील कपिल सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय में इसे लटकाने का प्रयास किया ।
उन्होंने कहा, ‘‘देश के सभी लोग चाहते थे कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बने लेकिन कांग्रेस ने इसे लटकाने, अटकाने और भटकाने का काम किया। मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बने, तब प्रतिदिन सुनवाई हुई, रामजन्मभूमि के पक्ष में फैसला आया और अब वहां भव्य राममंदिर बन रहा है।’’
नड्डा ने कहा कि पहले लोग केवल नारे लगाते थे कि एक देश में दो विधान दो निशान नहीं चलेंगे, लेकिन जब मोदी सरकार आई तब अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया।
भाजपा अध्यक्ष ने अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री के 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज के खर्च होने का ब्यौरा दिया और कहा कि आधारभूत ढांचे के विकास के लिये अतिरिक्त 40 हजार करोड़ दिये गए ।
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