TB ke badh rahe marij

अगर दिख रहे है ये लक्षण तो हो जाएं सावधान! कोरोना-फ्लू की आड़ पैर पसार रही ये गंभीर बीमारी, राजधानी में सबसे ज्यादा मरीज

TB ke badh rahe marij पल्‍मोनरी टीबी के लक्षण कोरोना और फ्लू जैसे ही हैं, आईसीएमआर ने टीबी प्रिवलेंस को लेकर सर्वे किया है

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Modified Date: April 2, 2023 / 11:28 AM IST
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Published Date: April 2, 2023 11:28 am IST

TB ke badh rahe marij: देश में कोरोना के मामलों में एक बार फिर कोरोना के संक्रमितों की संख्या में इजाफा होने लगा है। इसी के साथ-साथ पिछले कुछ समय से इन्‍फ्लूएंजा फ्लू वायरस और वायरल संक्रमण भी तेजी से फैला है। वायरस फैलने की वजह से रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारियां भी इनकी आड़ में पैर पसार रहीं है। इनके लक्षण भी लगभग एक जैसे ही हैं। यह बीमारी है लंग्‍स की टीबी यानि फेफड़ों की ट्यूबरक्‍यूलोसिस। इसका खुलासा हाल ही में प्रकाशित हुए आईसीएमआर के नेशनल टीबी प्रिवलेंस सर्वे इंडिया 2019-21 में हुआ है।

तेजी से बढ़ रही ये बिमारी

TB ke badh rahe marij: आईसीएमआर के सर्वे में सबसे बड़ी बात यही सामने आई है कि जिन लोगों में टीबी के लक्षण थे, उन मरीजों ने इन लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया, जिसकी वजह से टीबी का संक्रमण बढ़कर बीमारी में बदल गया। कोरोना और फ्लू की आड़ में फेफड़ों की टीबी की बीमारी बढ़ गई है। ऐसा इन सभी बीमाारियों के लगभग एक जैसे लक्षणों के चलते हुआ है।

ये हैं प्रमुख लक्षण

TB ke badh rahe marij: कोरोना वायरस सहित इन्‍फ्लूएंजा फ्लू के लक्षणों में देखा गया है कि कोरोना या फ्लू ठीक होने के बाद भी मरीजों में खांसी कई हफ्तों तक मौजूद रहती है। वहीं थकान भी रहती है, जबकि पल्‍मोनरी टीबी के लक्षणों को देखें तो उसमें भी दो हफ्तों से ज्‍यादा खांसी होती है। ऐसे में लोग खांसी को कोविड या फ्लू की वजह से हुई परेशानी समझकर नजरअंदाज करते रहते हैं, जबकि इस स्थिति में टीबी का संक्रमण होने पर यह बीमारी बढ़ती जाती है। टीबी में हल्‍का बुखार भी रहता है जो थकान या हरारत जैसा लगता है, जिसे लोग कोरोना या फ्लू का साइड इफैक्‍ट समझ लेते हैं। इसलिए लोगों को बहुत ध्‍यान देने की जरूरत है कि जब भी बलगम वाली खांसी दो हफ्ते से ज्‍यादा हो तो बिना देर किए टीबी की जांच जरूर कराएं।

दिल्‍ली में मिले सबसे ज्‍यादा मरीज

TB ke badh rahe marij: नेशनल टीबी प्रिवलेंस सर्वे इंडिया 2019-2021 में सामने आया है पिछले 15 सालों में पल्‍मोनरी टीबी प्रति लाख लोगों पर 316 को निकली है। पल्‍मोनरी टीबी के मरीजों की संख्‍या दिल्‍ली में सबसे ज्‍यादा पाई गई हैं। यहां प्रति लाख लोगों पर 534 पल्‍मोनरी टीबी के मरीज हैं, जबकि केरल में सबसे कम एक लाख लोगों पर 115 लोगों में पाई गई है। टीबी की परेशानी सबसे ज्‍यादा बड़े-बुजुर्गों, पुरुषों, कुपोषित वर्ग, धूम्रपान करने वालों, शराब पीने वालों और डायबिटीज के लोगों में सबसे ज्‍यादा पाई गई है।

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