आरजी कर मामला : कनिष्ठ चिकित्सकों का आमरण अनशन 10वें दिन भी जारी, एक और चिकित्सक की हालत बिगड़ी

आरजी कर मामला : कनिष्ठ चिकित्सकों का आमरण अनशन 10वें दिन भी जारी, एक और चिकित्सक की हालत बिगड़ी

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  • Publish Date - October 14, 2024 / 10:11 AM IST,
    Updated On - October 14, 2024 / 10:11 AM IST

कोलकाता, 14 अक्टूबर (भाषा) कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की घटना के बाद अपनी मांगों को लेकर पश्चिम बंगाल के कनिष्ठ चिकित्सकों का आमरण अनशन सोमवार को 10वें दिन भी जारी है।

अधिकारियों ने बताया कि इस बीच एक और चिकित्सक की तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

उन्होंने बताया कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलस्थ आचार्य को पेट में तेज दर्द के बाद रविवार रात को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इससे पहले, कोलकाता और सिलीगुड़ी शहर में अनशन कर रहे तीन कनिष्ठ चिकित्सकों को उनकी हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है।

एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पुलस्थ क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में भर्ती हैं और उनकी हालत बिगड़ गयी है। हमने उनका इलाज करने के लिए एक चिकित्सा बोर्ड का गठन किया है।’’

इस बीच, मुख्य सचिव मनोज पंत ने रविवार को ‘ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स’ (जेपीडी) को लिखे पत्र में उनसे 15 अक्टूबर को प्रस्तावित प्रदर्शन वापस लेने का अनुरोध किया और कहा कि इसी दिन राज्य सरकार का ‘पूजो कार्निवल’ आयोजित होना है।

उन्होंने जेपीडी को उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए सोमवार दोपहर को स्वास्थ्य भवन में बैठक के लिए आमंत्रित भी किया।

अपने ईमेल में पंत ने जेपीडी से कनिष्ठ चिकित्सकों को उनके स्वास्थ्य और भलाई के हित में आमरण अनशन खत्म करने की सलाह देने का भी आग्रह किया।

कनिष्ठ चिकित्सक आरजी कर अस्पताल में बलात्कार एवं हत्या मामले में मृतक चिकित्सक के लिए न्याय, स्वास्थ्य सचिव एन.एस. निगम को तत्काल हटाने, कार्यस्थल पर सुरक्षा और अन्य उपायों की मांग कर रहे हैं।

उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों एवं चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना करने, बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली का कार्यान्वयन और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, ऑन-कॉल रूम और शौचालय के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के वास्ते टास्क फोर्स के गठन की मांग शामिल भी है।

पांच अक्टूबर से आमरण अनशन दो चरणों में करीब 50 दिनों तक चले ‘काम बंद’ के बाद शुरू हुआ है। उनका आंदोलन सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अंदर ड्यूटी पर तैनात एक प्रशिक्षु चिकित्सक से नौ अगस्त को कथित तौर पर बलात्कार और हत्या के बाद शुरू हुआ था।

भाषा गोला सुरभि

सुरभि