आरजी कर मामला: ममता ने कहा, ‘अगर कोई अपराध करने के बाद बच निकलता है, तो वह फिर ऐसा करेगा’

आरजी कर मामला: ममता ने कहा, ‘अगर कोई अपराध करने के बाद बच निकलता है, तो वह फिर ऐसा करेगा’

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  • Publish Date - January 21, 2025 / 09:17 PM IST,
    Updated On - January 21, 2025 / 09:17 PM IST

कोलकाता, 21 जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को आरजी कर अस्पताल में हुई घटना को एक ‘दुर्लभ, जघन्य और संवेदनशील अपराध’ करार देते हुए कहा कि अगर कोई अपराध करने के बाद बच निकलता है, तो वह दोबारा ऐसा करेगा और ‘उसे संरक्षण देना हमारा काम नहीं है’।

यहां अस्पताल में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या के एकमात्र दोषी संजय रॉय को सियालदह अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा के आदेश को लेकर पंश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निराशा व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि वह दोषी के लिए सजा ए मौत की मांग कर रही हैं।

बनर्जी ने मालदा में एक जनसभा में कहा, “अगर कोई इतना राक्षसी और बर्बर है, तो समाज मानवीय कैसे रह सकता है? हमने अपराजिता विधेयक पारित किया, लेकिन केंद्र उस पर कब्जा जमाए बैठा है। हमने उस विधेयक में मृत्युदंड को शामिल किया है और हम चाहते हैं कि यह देश के लिए एक आदर्श बने।”

बनर्जी ने सोमवार को सियालदह अदालत के आदेश पर असंतोष व्यक्त किया था और दावा किया था कि राज्य पुलिस से जबरन जांच छीन ली गई। उन्होंने कहा कि अगर राज्य पुलिस के पास जांच होती तो वे मौत की सजा दिलाते।

बनर्जी ने कहा, ‘‘अगर किसी को आजीवन कारावास की सजा दी जाती है, तो वह व्यक्ति पैरोल पर रिहा हो सकता है। मैं अधिवक्ता रहीं हूं और मैने कई मामले लड़े हैं। सियालदह अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला नहीं है और मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता। अगर यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला नहीं है तो और क्या है।’’

बनर्जी ने बाद में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि राज्य सरकार सियालदह अदालत के फैसले को चुनौती देगी और कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह दुर्लभ, संवेदनशील और आरोपी द्वारा किया गया जघन्य अपराध है।’’

सितंबर 2024 में पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा पारित अपराजिता विधेयक का उद्देश्य दुष्कर्म और अन्य यौन अपराधों के लिए सजा को मृत्युदंड एवं आजीवन कारावास तक बढ़ाना है।

इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को सियालदह अदालत के उस आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दे दी, जिसमें दोषी रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने मामले में एकमात्र दोषी रॉय को मृत्युदंड देने के अनुरोध को लेकर न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की।

भाषा जितेंद्र पवनेश

पवनेश