कोलकाता, 20 जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने सोमवार को कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में न्यायिक दंड महत्वपूर्ण है, लेकिन यह उनके खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं में योगदान देने वाले व्यापक सामाजिक मुद्दों को हल करने में सक्षम नहीं होगा।
बोस का यह बयान राज्य की राजधानी कोलकाता स्थित आरजी कर अस्पताल में पिछले साल नौ अगस्त को एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में सियालदह की अदालत द्वारा मुख्य आरोपी को मृत्यु तक कारावास की सजा सुनाए जाने की पृष्ठभूमि में आया है।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘सजा चाहे कितनी भी कड़ी क्यों न हो, इससे समस्याएं खत्म नहीं होतीं। बलात्कार, हमले और हत्या की बढ़ती घटनाएं चिंताजनक हैं और गहरी सामाजिक रुग्णता को दर्शाती हैं।’’
बोस ने कहा, ‘‘यह जरूरी है कि सरकार इन अत्याचारों से निपटने के लिए एक मजबूत और सक्रिय नीति लागू करे और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे, खासकर चिकित्सा संस्थानों जैसे संवेदनशील वातावरण में।’’
राज्यपाल ने महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया, विशेष रूप से कार्यस्थलों पर। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के संबंध में व्यापक सामाजिक जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
कोलकाता की एक अदालत ने सोमवार को कोलकाता पुलिस से जुड़े पूर्व नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को मृत्यु तक कारावास की सजा सुनाई। उसे पिछले साल अगस्त में सरकारी आरजी कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराया गया था।
अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।
यहां जारी एक बयान के मुताबिक बोस ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सभी हितधारकों की एक बैठक बुलाई है तथा तत्काल उचित कार्रवाई के लिए सिफारिशों को सरकार के संज्ञान में लाया जाएगा।
इसमें कहा गया है, ‘‘राजभवन का वास्तविक समय में निगरानी प्रकोष्ठ ‘शांति कक्ष’ महिलाओं पर अत्याचार के बारे में प्राप्त होने वाली अर्जियों की समवर्ती निगरानी करेगा और उचित कार्रवाई करेगा। आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए अभया प्लस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा।’’
‘शांति कक्ष’ जनता की शिकायतों का जवाब देने के लिए जून 2023 में राजभवन में स्थापित एक तंत्र है।
पीड़िता का नौ अगस्त 2024 को अस्पताल के सेमिनार कक्ष में शव मिलने के बाद शुरुआती जांच कोलकाता पुलिस ने की और घटना के एक दिन बाद यानी 10 अगस्त को रॉय को गिरफ्तार किया।
कलकत्ता उच्च न्यायालय 13 अगस्त 2024 को मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का निर्देश दिया और चिकित्सा महाविद्यालय के तत्कालीन प्रचार्य संदीप घोष को लंबी छुट्टी पर जाने को कहा।
भाषा
धीरज प्रशांत
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