कोलकाता, 24 मार्च (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को निर्देश दिया कि एजेंसी आरजी कर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले की जांच से संबंधित ‘केस डायरी’ अगली सुनवाई पर पेश करे।
अदालत ने पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी अपनी जांच में सामूहिक दुष्कर्म या सबूतों को नष्ट करने की आशंका पर विचार कर रही है।
मृतक महिला चिकित्सक के माता-पिता (याचिकाकर्ता) ने अदालत की निगरानी में जांच की मांग की।
याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि अधीनस्थ न्यायालय में आरोप-पत्र दाखिल करते समय सीबीआई ने अपराध में बड़ी साजिश होने की बात कही थी, जिसके बाद उन्होंने मामले की जांच का अनुरोध किया था।
न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं के अनुरोध पर जांच के वर्तमान चरण और सीबीआई द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली स्थिति रिपोर्ट के अधीन विचार किया जाएगा।
उन्होंने सीबीआई को अगली सुनवाई की तारीख 28 मार्च को ‘केस डायरी’ पेश करने का भी निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति घोष ने इसके अलावा सीबीआई के वकील से अदालत को यह भी बताने को कहा कि क्या एजेंसी अपनी आगे की जांच में सामूहिक दुष्कर्म या सबूतों को नष्ट करने की आशंका की जांच कर रही है।
महिला चिकित्सक का शव नौ अगस्त 2024 को उत्तर कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल के सेमिनार रूम में मिला था।
उच्च न्यायालय ने कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
भाषा जितेंद्र रंजन
रंजन
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)