गणतंत्र दिवस हिंसा : मीडिया घराने ने सिख समुदाय के खिलाफ आक्रामक रिपोर्टिंग से इंकार किया

गणतंत्र दिवस हिंसा : मीडिया घराने ने सिख समुदाय के खिलाफ आक्रामक रिपोर्टिंग से इंकार किया

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  • Publish Date - February 26, 2021 / 11:36 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

नयी दिल्ली, 26 फरवरी (भाषा) एक मीडिया घराने ने दिल्ली उच्च न्यायालय में इस बात से इंकार किया है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर किसानों के प्रदर्शन के सिलसिले में उसने अपुष्ट वीडियो अपने चैनल पर चलाकर सिख समुदाय के खिलाफ ‘‘आक्रामक और संभवत: घातक’’ हमला किया है।

उच्च न्यायालय में दायर एक हलफनामे में इसने दावा किया कि ‘‘सिख समुदाय के संबंध में एक भी बात नहीं कही गई।’’

दो जनहित याचिकाओं के जवाब में यह हलफनामा दायर किया गया है जिनमें आरोप लगाए गए हैं कि मीडिया घराने ने गणतंत्र दिवस पर किसानों के प्रदर्शन के सिलसिले में अपने समाचार मंच पर अपुष्ट वीडियो का प्रसारण कर सिख समुदाय पर ‘‘मनगढ़ंत’’, ‘‘आक्रामक और संभवत: घातक’’ हमला किया है।

दो जनहित याचिकाओं के जवाब में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भी अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि यह चैनल मालिक की जवाबदेही है कि वह सुनिश्चित करे कि टीवी पर प्रसारित कार्यक्रम में केबल टेलीविजन नेटवर्क कानून (सीटीएन) के तहत कार्यक्रम कोड का उल्लंघन नहीं हो।

केंद्र सरकार के वकील अजय दिगपाल के माध्यम से दायर हलफनामे में कहा गया है, ‘‘जब भी कार्यक्रम कोड के उल्लंघन का मामला सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संज्ञान में लाया जाता है तो केबल टेलीविजन नेटवर्क कानून के मुताबिक उपयुक्त कार्रवाई की जाती है।’’

मंत्रालय ने कहा कि इसने कोड के उल्लंघन के सिलसिले में विशिष्ट शिकायतों पर गौर करने की खातिर अंतर मंत्रालयी समिति (आईएमसी) का भी गठन किया है।

राज्यसभा के सदस्य सुखदेव सिंह ढींढसा की याचिका पर मंत्रालय और मीडिया घराने ने हलफनामा दायर किया। ढींढसा ने याचिका में दावा किया कि ‘‘एक खास समुदाय के खिलाफ विद्वेषपूर्ण अभियान ऐसे वक्त में चलाना खतरनाक हो सकता है जब जनता की भावनाएं बेकाबू हैं। इसमें समुदाय के लोगों का जीवन, संपत्ति एवं उनकी स्वतंत्रता को भी खतरा हो सकता है।’’

इसी तरह की याचिका दिल्ली के निवासी मंजीत सिंह कंग ने भी दायर की है।

अपने खिलाफ आरोपों से इंकार करते हुए मीडिया घराने ने दावा किया कि ढींढसा की याचिका ‘‘प्रेस की रिपोर्टिंग को जकड़ने’’ का प्रयास है।

इसने यह भी कहा कि ‘‘राजनीतिक लाभ के लिए यह याचिका एक राजनीतिक प्रचार भर’’ है।

सीटीएन कानून एवं नियमों का हवाला देते हुए मीडिया घराने ने कहा, ‘‘भारत में समाचार प्रसारण को लेकर एक पूरी व्यवस्था है। इस सिलसिले में किसी अतिरिक्त कानूनी व्यवस्था या कानून की जरूरत नहीं है।’’

भाषा नीरज नीरज नरेश

नरेश