नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) प्रलय मिसाइल से लेकर सेना के तीनों अंगों की झांकी तक, रविवार को कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस परेड में कई चीजें पहली बार देखने को मिलीं।
पेश है एक झलक:
* राष्ट्रपति को सलामी देने वाली पहली महिला अधिकारी
कैप्टन डिम्पल सिंह भाटी चलती मोटरसाइकिल पर 12 फुट ऊंची सीढ़ी पर चढ़कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सलामी देने वाली पहली महिला सैन्य अधिकारी बनीं।
उनके प्रदर्शन में भारतीय सेना की सिग्नल कोर के साहस, सटीकता और उत्कृष्टता को दर्शाया गया, जिसे ‘‘डेयर डेविल्स’’ के रूप में जाना जाता है।
* तीनों सेनाओं की झांकी
सैन्य बलों के बीच तालमेल की व्यापक भावना को दर्शाती हुई पहली बार तीनों सेनाओं की झांकी कर्तव्य पथ पर घूमी।
इसमें युद्ध क्षेत्र का परिदृश्य दिखाया गया, जिसमें स्वदेशी अर्जुन युद्धक टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर के साथ जमीन, पानी और हवा में समन्वित ऑपरेशन का प्रदर्शन किया गया।
झांकी का विषय था ‘‘सशक्त और सुरक्षित भारत’’
* प्रलय मिसाइल
सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल प्रलय का पहली बार प्रदर्शन किया गया। सेना और वायुसेना के लिए बनाई गई यह मिसाइल भारत के शस्त्रागार में पारंपरिक हमलों के लिए बनाई गई पहली बैलिस्टिक मिसाइल होगी।
* संजय
युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली संजय को भी पहली बार प्रदर्शित किया गया। सेना की स्वचालित युद्ध निगरानी प्रणाली सभी जमीनी और हवाई युद्धक्षेत्र सेंसर से इनपुट है।
* इंडोनेशिया की सैन्य टुकड़ी
परेड में 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड टुकड़ी ने हिस्सा लिया। यह पहली बार था जब भारत के गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया की टुकड़ी ने मार्च किया। यह भी पहली बार है कि इंडोनेशियाई सैन्य बैंड और सैन्य टुकड़ी ने विदेश में परेड में हिस्सा लिया।
* पहली बार पूरे कर्तव्य पथ पर सांस्कृतिक प्रदर्शन किया गया
गणतंत्र दिवस के अवसर पर 5000 से अधिक लोक और आदिवासी कलाकारों ने देश के विभिन्न हिस्सों की 45 नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया। सभी अतिथियों को प्रस्तुति देखने को मिले, इसके लिए कलाकारों ने पहली बार पूरे कर्तव्य पथ को कवर किया।
भाषा आशीष रंजन
रंजन