केंद्र सरकार के कार्यबल में एससी और एसटी का प्रतिनिधित्व निर्धारित सीमा के अनुसार: सरकार

केंद्र सरकार के कार्यबल में एससी और एसटी का प्रतिनिधित्व निर्धारित सीमा के अनुसार: सरकार

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  • Publish Date - December 19, 2024 / 03:47 PM IST,
    Updated On - December 19, 2024 / 03:47 PM IST

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि केंद्र सरकार के कार्यबल में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का प्रतिनिधित्व निर्धारित सीमा के अनुसार है।

राज्यसभा को एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि मंत्रालयों और विभागों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, 1 जनवरी, 2024 तक, एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित कर्मचारियों की संख्या 5.47 लाख, 2.82 लाख और 8.55 लाख है।

उन्होंने कहा, ‘‘एससी और एसटी का प्रतिनिधित्व क्रमश: 15 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत की निर्धारित सीमा के अनुरूप है। सीधी भर्ती में भी ओबीसी का प्रतिनिधित्व पिछले 10 वर्षों के दौरान लगातार 27 प्रतिशत से अधिक रहा है।’’

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की वार्षिक रिपोर्ट (2023-24) से केंद्र सरकार की नौकरियों और पदों में आरक्षण संबंधी आंकड़े हटाने के कारणों को लेकर पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि मंत्रालयों और विभागों से आंकड़े प्राप्त करने में समय लगता है।

उन्होंने कहा, ‘‘वार्षिक रिपोर्ट को अंतिम रूप देते समय, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से प्राप्त प्रासंगिक डेटा अधूरा था और इसमें मिलान की आवश्यकता थी। इसलिए, इसे डीओपीटी की वार्षिक रिपोर्ट (2023-24) में शामिल नहीं किया जा सका। इसके बाद डेटा का मिलान किया गया है।’’

केंद्र सरकार में पदों और रिक्तियों की कुल स्वीकृत संख्या पर एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए, उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में पदों का रिक्त होना और उनका भरा जाना एक सतत प्रक्रिया है।

सिंह ने कहा, ‘‘खाली पदों का आंकड़ा संबंधित मंत्रालय और विभाग रखता है। केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों को समय-समय पर रिक्त पदों को समयबद्ध तरीके से भरने के निर्देश दिए गए हैं।’’

उन्होंने कहा कि 22 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘रोजगार मेला’ के माध्यम से रिक्त पदों को भरा गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 45-50 शहरों में केंद्रीय स्तर पर 13 रोजगार मेलों का आयोजन किया गया है। रोजगार मेलों में कई लाख नियुक्ति पत्र बांटे जा चुके हैं।’’

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र मनीषा

मनीषा