Repo Rate Hike: बढ़ती महंगाई के बीच एक और बड़ा झटका, RBI ने की रेपो रेट में बढ़ोतरी, जनता पर बढ़ेगा बोझ

Repo Rate Hike: RBI hikes 0.50 percent repo rate, burden on the public will increase : बढ़ती महंगाई के बीच एक और बड़ा झटका, RBI ने की रेपो रेट

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  • Publish Date - June 8, 2022 / 10:56 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:47 PM IST

Repo Rate Hike: नई दिल्ली। बढ़ती महंगाई के बीच जनता को एक और बड़ा झटका लगा है। पिछले कई सालों के उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई के चलते RBI ने एक बार फिर रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही आरबीआई की घोषणा के बाद अब रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़कर 4.90 फीसदी हो गया है। एक महीने में लगातार दूसरी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की गई है।

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रेपो रेट बढ़ाने के अलावा नहीं है कोई विकल्प

आज मौद्रिक नीति समिति की जून बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट (Rapo Rate) में बढ़ोतरी करने की जानकारी दी है। बता दें रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिनों की यह बैठक सोमवार से चल रही थी और आज संपन्न हुई। इस फाइनेंशियल ईयर में ये RBI एमपीसी की तीसरी बैठक थी। बैठक में समिति के पांचों सदस्यों ने गवर्नर दास की अगुवाई में महंगाई और इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic Growth) की वास्तुस्थिति पर विचार-विमर्श किया। बताया जा रहा है कि बेकाबू महंगाई को देखते हुए समिति के सदस्य इस बात पर सहमत हुए कि फिलहाल रेपो रेट बढ़ाने के अलावा हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं है।

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मीटिंग में एकमत होकर लिया गया फैसला

बता दें इससे पहले RBI ने लंबे अंतराल के बाद पिछले महीने अचानक रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान किया था। गवर्नर दास ने अचानक हुई आपात बैठक के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया था कि रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा था कि सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने इकोनॉमी के हालात पर चर्चा करने के लिए आपात बैठक की। उस बैठक में भी MPC के सदस्यों ने एकमत होकर रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया था। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने मई में रेपो रेट के साथ ही कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को भी 0.50 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया था। हालांकि एमपीसी ने एकमोडेटिव मॉनीटरी पॉलिसी स्टान्स को बरकरार रखा था।

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अप्रैल में 7.8 फीसदी बढ़ी खुदरा महंगाई

सरकारी आंकड़ों की मानें तो अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) की दर 7.8 बढ़ाया गया था। जो की मई 2014 के बाद से सबसे ज्यादा है। इसके साथ ही अप्रैल 2022 में थोक महंगाई की दर बढ़कर 15.08 फीसदी पर पहुंच गई थी, जो दिसंबर 1998 के बाद सबसे ज्यादा है। अप्रैल में महंगाई बढ़ने का सबसे बड़ा कारण फूड एंड फ्यूल इन्फ्लेशन था। अगर बात करें फूड इंफ्लेशन की तो यह मार्च के 7.68 फीसदी की तुलना में बढ़कर अप्रैल में 8.38 फीसदी पर पहुंच गई थी। अभी मई महीने की महंगाई के आंकड़े जारी नहीं हुए हैं।

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इन प्रयासों से होगी महंगाई कम

बीते दिनों में सब्जियों और अन्य चीजों की बढ़ती कीमतों से तो हम सब वाकिफ हैं। बीते दिनों टमाटर के भाव जिस तरह से बढ़े हैं, महंगाई की दर तेज ही रहने के अनुमान हैं। दूसरी ओर सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम करने, क्रूड सोयाबीन और सनफ्लॉवर ऑयल पर आयात शुल्क हटाने और विमानन ईंधन (ATF) की कीमत नीचे लाने जैसे उपाय किए हैं। इन प्रयासों से महंगाई कुछ कम हो सकती है।

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