‘नॉर्थ ब्लॉक’ का कायाकल्प: सरकार ने 338 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए बोलियां आमंत्रित कीं

‘नॉर्थ ब्लॉक’ का कायाकल्प: सरकार ने 338 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए बोलियां आमंत्रित कीं

‘नॉर्थ ब्लॉक’ का कायाकल्प: सरकार ने 338 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए बोलियां आमंत्रित कीं
Modified Date: April 23, 2025 / 12:22 am IST
Published Date: April 23, 2025 12:22 am IST

(बंटी त्यागी)

नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) रायसीना हिल्स पर स्थित सौ वर्ष पुरानी विरासत संरचना ‘नॉर्थ ब्लॉक’ का 338 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बड़े पैमाने पर नवीनीकरण किया जाएगा ताकि एक भव्य संग्रहालय का मार्ग प्रशस्त किया जा सके।

‘नॉर्थ ब्लॉक’ में गृह, वित्त मंत्रालय और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग भी स्थित है।

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केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने इस परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं।

इस परियोजना के दो वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है।

वहीं, दूसरे चरण में ‘साउथ ब्लॉक’ में भी इसी तरह का जीर्णोद्धार कार्य होगा। देश के महत्वपूर्ण स्थान ‘रायसीना हिल्स’ पर स्थित ‘नॉर्थ व साउथ ब्लॉक’ केंद्रीय सचिवालय भवनों को विश्व स्तरीय सांस्कृतिक संस्थान, युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय में बदल दिया जाएगा।

नॉर्थ ब्लॉक के नवीनीकरण की इस योजना के तहत तकनीकी-सह-पात्रता बोली जमा करने की अंतिम तिथि 13 मई है।

पात्र लोग वित्तीय बोली प्रक्रिया में भाग लेंगे।

महत्वाकांक्षी ‘सेंट्रल विस्टा’ पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में इस परियोजना के लिए निर्धारित 338 करोड़ रुपये में से 275 करोड़ रुपये नगर कार्यों के लिए और 62.24 करोड़ रुपये से अधिक बिजली के लिए निर्धारित किए गए हैं।

सूत्रों ने बताया कि इन मंत्रालयों और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को ‘कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरियट’ के तहत नई इमारतों में शिफ्ट किया जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, तीन इमारतों में से पहली इमारत इस्तेमाल के लिए लगभग तैयार है।

सीपीडब्ल्यूडी ने बताया कि परियोजना की महत्वता को देखते हुए इसे निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा किया जाना चाहिए और गुणवत्ता व कारीगरी के उच्चतम मानकों का अनुसरण किया जाना चाहिए।

सीपीडब्ल्यूडी के अनुसार, नॉर्थ ब्लॉक भवन के जीर्णोद्धार कार्य में मूल सामग्रियों की सावधानीपूर्वक सफाई शामिल है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें भविष्य में उपयोग के लिए संरक्षित रखा जा सके।

भाषा जितेंद्र खारी

खारी


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