नई दिल्ली : RBI monetary policy meeting : RBI की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक आज से यानी 3 अप्रैल से शुरू होने वाली है। क्या रिजर्व बैंक एक बार फिर से रेपो रेट्स की दरों में इजाफा करेगा? क्या आपके घर की ईएमआई फिर से बढ़ जाएगी। एक्सपर्ट का मानना है कि अप्रैल महीने में होने वाली बैठक में भी RBI ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है। खुदरा मुद्रास्फीति के छह फीसदी के संतोषजनक स्तर से ऊपर बने रहने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत कई केंद्रीय बैंकों के आक्रामक रुख के बीच भारतीय रिजर्व बैंक भी मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.25 फीसदी की एक और वृद्धि का फैसला कर सकता है।
RBI monetary policy meeting : आपको बता दें रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC) की द्विमासिक समीक्षा बैठक तीन अप्रैल से शुरू होने वाली है। तीन दिन तक चलने वाली यह बैठक छह अप्रैल को नीतिगत दर संबंधी फैसले के साथ खत्म होगी। यह मई, 2022 से शुरू हुए ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चक्र में संभवत आखिरी वृद्धि होगी।
मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए RBI ने मई, 2022 से लगातार नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी का रुख अपनाया हुआ है। इस दौरान रेपो दर चार फीसदी से बढ़कर 6.50 फीसदी पर पहुंच चुकी है। गत फरवरी में संपन्न पिछली एमपीसी बैठक में भी रेपो दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि की गई थी।
RBI monetary policy meeting : एमपीसी की बैठक में मौद्रिक नीति से जुड़े तमाम घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय पहलुओं की व्यापक समीक्षा के बाद कोई फैसला लिया जाएगा। इस दौरान उच्च खुदरा मुद्रास्फीति की स्थिति और विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों- अमेरिकी फेडरल रिजर्व, यूरोपीय केंद्रीय बैंक एवं बैंक ऑफ इंग्लैंड के हालिया कदमों का भी गहन विश्लेषण किया जाएगा।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में 6.52 फीसदी और फरवरी में 6.44 फीसदी पर रही है। खुदरा मुद्रास्फीति का यह स्तर RBI के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से अधिक है। एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य ने हाल ही में कहा, ‘‘मैं दरों में एक और अंतिम 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद करता हूं।
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RBI monetary policy meeting : बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा है कि पिछले दो माह से मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत से ऊपर बने रहने और तरलता के भी अब लगभग तटस्थ हो जाने के बाद ऐसी उम्मीद है कि RBI एक बार फिर रेपो दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है। इसके साथ ही RBI अपने रुख को तटस्थ घोषित कर यह संकेत भी दे सकता है कि दरों में वृद्धि का दौर खत्म हो चुका है। कुल मिलाकर समूचे वित्त वर्ष 2023-24 में आरबीआई कुल छह एमपीसी बैठकों का आयोजन करेगा।