तिरुवनंतपुरम, 25 जनवरी (भाषा) केरल राज्य खाद्य आयोग ने शनिवार को प्रदेश में 27 जनवरी से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर राशन व्यापारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
आयोग द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, राशन कार्डधारकों को उनके हक का अनाज प्राप्त करने से रोकने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इसमें कहा गया, ‘यह सुनिश्चित करना राज्य खाद्य आयोग की जिम्मेदारी है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अध्याय दो की धारा 16 (6) (बी) के तहत गारंटीशुदा खाद्य अधिकारों को कायम रखा जाए और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया जाए।’
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘आयोग राशन कार्ड धारकों को खाद्यान्न की आपूर्ति में बाधा डालने वाली किसी भी कार्रवाई को गंभीरता से लेगा और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करेगा।’
राशन व्यापारी समन्वय समिति ने वित्त मंत्री के एन बालगोपाल और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री जी आर अनिल के साथ वार्ता विफल होने के बाद 27 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की।
व्यापारियों ने हड़ताल का आह्वान संशोधित वेतन पैकेज और केंद्र की प्रत्यक्ष भुगतान प्रणाली के विरोध में किया गया है।
मंत्रियों ने राशन व्यापारियों से हड़ताल नहीं करने का अनुरोध किया ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में व्यवधान न आए।
खाद्य मंत्री अनिल ने व्यापारियों से हड़ताल समाप्त करने की अपील की ताकि केरल के लोगों को खाद्यान्न न मिलने की स्थिति उत्पन्न न हो।
बालगोपाल ने कहा, ‘उन्हें सोचना चाहिए कि यह हड़ताल लाखों आम लोगों को बुरी तरह प्रभावित करेगी, जो अपने खाद्य पदार्थों के लिए राशन की दुकानों पर निर्भर हैं।’
हालांकि राशन व्यापारी समन्वय समिति के नेताओं ने कहा कि वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, क्योंकि सरकार संशोधित वेतन पैकेज की उनकी प्राथमिक मांग पर चर्चा करने को तैयार नहीं है।
समिति के एक नेता ने कहा, ‘हमारी मुख्य मांग वेतन पैकेज में संशोधन है, लेकिन सरकार ने वित्तीय बाधाओं का हवाला देते हुए इनकार कर दिया है। इससे हमारे पास हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।’
इस बीच, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने कहा कि राशन की दुकानों को आवश्यक वस्तुएं वितरित करने वाले ठेकेदारों ने खाद्य मंत्री और अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद शनिवार को अपनी तीन सप्ताह पुरानी हड़ताल समाप्त कर दी।
भाषा
माधव
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