रांची। पिछले महीने संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था। हेमंत सोरेन की अगुवाई वाल जेएमएम ने अपने दम पर ही रिकॉर्ड 34 सीटों पर कब्जा जमाया था। (Ration quota increase on per ration card order by govt) इसी तरह उनके गठबंधन में शामिल कांग्रेस को 16, राजद को 4 जबकि सीपीआई (एम-एल) को दो सीटें हासिल हुई थी। इस तरह झामुमों ने राज्य में वापसी के भाजपा के मंसूबो को चकनाचूर कर दिया।
बहरहाल अब प्रदेश के लोगों की नजर चुनाव के वक़्त किये गए वादों और दावों पर टिक गई है। दरअसल मुख्यमंत्री सोरेन ने पिछले चुनाव से ठीक पहले वादा किया था कि सरकार में वापसी के बाद वह राशनकार्ड धारकों को राहत देते हुए उनके राशन वितरण में इजाफा करेंगे। (Ration quota increase on per ration card order by govt) उन्होंने कहा था कि झामुमो की सरकार बनने पर पांच किलो की जगह सात किलो राशन दिया जाएगा। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि सीएम हेमंत सोरेन इस संबंध में फैसला ले सकते है।
चुनाव प्रचार के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि झारखंड में भाजपा शासन के दौरान 11 लाख राशन कार्ड और तीन लाख पेंशन रद्द कर दिए गए, जिसके परिणामस्वरूप भूख के कारण कई आदिवासी, दलितों की मौत हो गई। (Ration quota increase on per ration card order by govt) उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर भी दावा किया था की, ‘मुझे गर्व है कि भाजपा के शासन में जहां भूख से मौतें एक आम समस्या बन गई थी, जिससे राज्य के गरीब और वंचित वर्ग को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। भोजन, पेंशन और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव था, जिससे लोगों की जीवन गुणवत्ता पर गहरा प्रभाव पड़ा। परंतु सरकार के आने के बाद स्थिति में व्यापक बदलाव आया है।”
प्रश्न 1: झारखंड में राशन कार्ड धारकों के लिए राशन कोटा में क्या बदलाव किया गया है?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वादा किया था कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सरकार बनने पर प्रति व्यक्ति राशन कोटा 5 किलो से बढ़ाकर 7 किलो किया जाएगा। इस संबंध में सरकार से निर्णय की उम्मीद है।
प्रश्न 2: भाजपा सरकार के समय कितने राशन कार्ड रद्द किए गए थे?
सीएम हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया था कि भाजपा शासन के दौरान झारखंड में करीब 11 लाख राशन कार्ड रद्द कर दिए गए थे, जिससे गरीब और वंचित वर्ग को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
प्रश्न 3: झारखंड में राशन वितरण से जुड़ी समस्याएं क्या थीं?
भाजपा शासन के दौरान राशन वितरण में अनियमितताओं के कारण कई आदिवासी और दलित परिवार भूख का सामना कर रहे थे। इसे लेकर जेएमएम सरकार ने राशन व्यवस्था को सुधारने का वादा किया है।
प्रश्न 4: क्या नई सरकार के आने के बाद स्थिति में सुधार हुआ है?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दावा है कि उनकी सरकार के आने के बाद भोजन, पेंशन, और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हुआ है, जिससे गरीब वर्ग की स्थिति में बदलाव आया है।
प्रश्न 5: झारखंड में राशन कोटा बढ़ाने का प्रस्ताव कब लागू होगा?
इस विषय पर सरकार जल्द निर्णय ले सकती है। इसके लिए अधिसूचना जारी होने का इंतजार है।