जयपुर: जिले में उन सभी परिवारों से, जो सरकारी कर्मचारी हैं, आयकरदाता हैं, या जिनके पास चार पहिया वाहन हैं, उनसे आग्रह किया गया है कि वे राशन की दुकानों से मुफ्त राशन लेना बंद करें। (Legal action will be taken against income tax paying ration card holders) इसके लिए एक गिव अप अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत पात्र व्यक्ति निर्धारित फार्म भरकर अपना नाम राशन लाभार्थी सूची से स्वेच्छा से हटवा सकते हैं। यदि किसी ने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की और उसके बारे में शिकायत मिली, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सुमित गोदारा ने निर्देश दिए हैं कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत स्वेच्छा से नाम हटवाने का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक जारी रहेगा। निर्धारित तिथि तक नाम न हटवाने वाले लाभार्थियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन पर खाद्यान्न की बाजार दर के अनुसार वसूली भी की जाएगी।
जिला रसद अधिकारी ने बताया कि गिव अप अभियान के तहत लाभार्थियों को अपने क्षेत्र की उचित मूल्य की दुकान पर उपलब्ध फार्म भरकर जमा करना होगा। यह फार्म 31 जनवरी 2025 तक जमा किया जा सकता है। (Legal action will be taken against income tax paying ration card holders) साथ ही, सभी उचित मूल्य दुकानों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए पोस्टर और फ्लैक्स लगाए जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इस मुहिम में शामिल हो सकें।
यदि तय समय तक पात्र लाभार्थियों द्वारा स्वेच्छा से नाम नहीं हटवाया गया, तो विभाग की ओर से अभियान चलाकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खाद्यान्न का लाभ केवल उन जरूरतमंद परिवारों को मिले, जो वास्तव में इसके पात्र हैं। सरकार का यह कदम जरूरतमंद लोगों तक राशन वितरण को सही तरीके से पहुंचाने और सक्षम परिवारों को अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करने का प्रयास है।
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Legal action will be taken against income tax paying ration card holders