Ratan Tata Death News: राजकीय सम्मान के साथ शाम 4 बजे होगा रतन टाटा का अंतिम संस्कार, यहां की सरकार ने घोषित किया एक दिन का राजकीय शोक

राजकीय सम्मान के साथ शाम 4 बजे होगा रतन टाटा का अंतिम संस्कार, Ratan Tata's funeral will be with state honours, one day state mourning in Jharkhand

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  • Publish Date - October 10, 2024 / 06:47 AM IST,
    Updated On - October 10, 2024 / 06:47 AM IST

नई दिल्लीः Ratan Tata Death Reasons टाटा समूह के मानद चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार देर रात मुंबई में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। वह पिछले कुछ दिनों से ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन की जानकारी बुधवार देर रात जारी की गई। देर रात करीब 2 बजे उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से उनके घर ले जाया गया। उनके रिश्तेदारों ने बताया कि टाटा का पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक साउथ मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स के हॉल में रखा जाएगा। यहां लोग उनका अंतिम दर्शन कर सकेंगे। महाराष्ट्र और झारखंड में रतन टाटा के निधन पर एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि टाटा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

Ratan Tata Death Reasons रतन टाटा ने अपने जीवन में कई ऐसी उपलब्धियां हासिल की हैं, जो आज तक कोई नहीं कर सका। इसके अलावा सुनामी या कोरोना जैसी देश पर जब भी कोई मुसीबत आई, तो वे सबसे आगे नजर आए। ऐसी बिजनेस पर्सनैलिटी का दुनिया से चले जाना एक बड़ी क्षति है। बता दें कि बुधवार को उनके निधन की खबर आने से पहले बीते सोमवार को भी रतन टाटा की तबीयत बिगड़ने की खबर सुर्खियों में थी, लेकिन इन्हें सिरे से खारिज करते हुए रतन टाटा ने खुद सोशल मीडिया के माध्यम से कहा था कि मेरे लिए चिंता करने के लिए सभी का धन्‍यवाद! मैं बिल्‍कुल ठीक हूं। चिंता की कोई बात नहीं है और मैं उम्र से जुड़ी बीमारियों की जांच के लिए अस्‍पताल आया थे। साथ ही उन्‍होंने लोगों से अपील की थी कि “गलत सूचना फैलाने” से बचें।

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मोदी-राहुल और सुंदर पिचाई समेत बिजनेस घरानों ने शोक जताया

राष्ट्रपति मुर्मू: भारत ने एक ऐसे आइकॉन को खो दिया है, जिन्होंने कॉरपोरेट ग्रोथ के साथ राष्ट्र निर्माण और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का मिश्रण किया। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की विरासत को आगे बढ़ाया है।

नरेंद्र मोदी: टाटा एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। उनका योगदान बोर्ड रूम से कहीं आगे तक गया।

राहुल गांधी: रतन टाटा दूरदृष्टि वाले व्यक्ति थे। उन्होंने बिजनेस और परोपकार दोनों पर कभी न मिटने वाली छाप छोड़ी है। उनके परिवार और टाटा कम्युनिटी के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।

गौतम अडाणी: भारत ने एक महान और दूरदर्शी व्यक्ति खो दिया है। टाटा ने मॉडर्न इंडिया के पाथ को रिडिफाइन किया। टाटा सिर्फ एक बिजनेस लीडर नहीं थे, उन्होंने करुणा के साथ भारत की भावना को मूर्त रूप दिया।

आनंद महिंद्रा: मैं रतन टाटा की अनुपस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं। श्री टाटा को भुलाया नहीं जा सकेगा। क्योंकि महापुरुष कभी नहीं मरते।

सुंदर पिचाई: रतन टाटा से पिछली मुलाकात के दौरान उनका विजन सुनना मेरे लिए प्रेरणादायक था। वे एक्स्ट्राऑर्डिनरी बिजनेस लीगेसी छोड़ गए हैं। उन्होंने भारत में मॉडर्न बिजनेस लीडरशिप को मार्गदर्शन देने और डेवलप करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

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