रोहतक: Ramchandra Jangra on Farmers Protest ससंद के शीतकालीन सत्र के बीच अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर किसानों ने दिल्ली कूच करने का ऐलान कर दिया है। हालांकि, शंभू बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बैरिकेडिंग करके उनका रास्ता रोक दिया है। लेकिन इस बीच भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने साल 2021 में हुए किसान आंदोलन को लेकर ऐसा बयान दे दिया है कि सियासत में बवाल मच सकता है।
Ramchandra Jangra on Farmers Protest मिली जानकारी के अनुसार रामचंद्र जांगड़ा रोहतक के महम शुगर मिल में गन्ना पेराई सत्र के शुभारंभ के कार्यक्रम पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘2021 में किसान आंदोलन के दौरान बॉर्डर पर जहां-जहां किसान बैठे उसके आसपास के गांवों की करीब 700 लड़कियां लापता हो गईं, उनका आज तक कोई सुराग नहीं लगा है। 2021 से पहले हरियाणा में केवल शराब और बीड़ी का ही नशा था, लेकिन 2021 के बाद चरस, गांजा जैसे जानलेवा नशे पनप रहे हैं। किसान नेताओं ने हरियाणा से चंदा इकट्ठा किया और चुनाव लड़ा, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई। पंजाब के किसानों की वजह से ही हरियाणा में नशा पनप रहा है।’
बीजेपी सांसद ने कहा, ‘2021 में एक साल तक टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के जो नशेड़ी बैठे रहे, उन्होंने सारा नशे का नेटवर्क हरियाणा प्रदेश में फैला दिया। उसके बाद से गांव-गांव में बच्चे बेमौत मर रहे हैं। हरियाणा के युवा हेरोइन, भुक्की, अफीम, कोकीन और स्मैक के जाल में फंसे हुए हैं। किसान आंदोलन की वजह से बहादुरगढ़ और सोनीपत में सैकड़ों फैक्ट्रियां बंद हो गईं। इससे नुकसान हरियाणा प्रदेश का हुआ, पंजाब का नहीं। किसान आंदोलन के दौरान एक व्यक्ति की हत्या कर लाश को सरेआम लटका दिया गया था। ऐसे में ये किसान नहीं बल्कि कसाई हैं।’
किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम चढ़ूनी के चुनाव हारने पर रामचंद्र जांगड़ा ने पूछा कि इनकी हैसियत क्या है? उन्होंने कहा, ‘राकेश टिकैत यूपी में दो चुनाव लड़े, दोनों बार जमानत जब्त हुई। गुरनाम सिंह चढूनी ने अभी पिहोवा से चुनाव लड़ा और उन्हें सिर्फ 1170 वोट मिले। इनकी हैसियत क्या है? ये लोगों को बहकाने के लिए आ जाते हैं, चंदा इकट्ठा करके ले जाते हैं। प्रदेश में सैनी सरकार व केंद्र में मोदी सरकार इतना अच्छा काम कर रही है कि हमें कोई आंदोलन व धरना प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं।’
रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि 2021 के किसान आंदोलन के दौरान बॉर्डर पर बैठने वाले किसानों के आसपास के गांवों की करीब 700 लड़कियां लापता हो गईं, और इस दौरान हरियाणा में नशे का नेटवर्क भी फैल गया। उन्होंने किसान नेताओं पर चंदा इकट्ठा करके चुनाव लडने और उनकी जमानत जब्त होने का भी आरोप लगाया।
रामचंद्र जांगड़ा ने किसान नेताओं राकेश टिकैत और गुरनाम चढ़ूनी के चुनाव हारने पर सवाल उठाए और कहा कि उनकी राजनीतिक हैसियत कुछ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि किसान नेता सिर्फ लोगों को बहकाने और चंदा इकट्ठा करने के लिए आते हैं।
रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि किसान आंदोलन के कारण हरियाणा में कई फैक्ट्रियां बंद हो गईं और इससे प्रदेश को भारी नुकसान हुआ, जबकि पंजाब को कोई नुकसान नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि 2021 के किसान आंदोलन के दौरान पंजाब के नशेड़ी हरियाणा में नशे का नेटवर्क फैलाने में सफल रहे, जिसके कारण हरियाणा में चरस, गांजा, हेरोइन, भुक्की और स्मैक जैसे जानलेवा नशे बढ़ गए हैं।
रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि प्रदेश में सैनी सरकार और केंद्र में मोदी सरकार इतना अच्छा काम कर रही है कि अब आंदोलन या धरना प्रदर्शन की कोई आवश्यकता नहीं है।