राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, विधायिका और न्यायपालिका एक दूसरे के खिलाफ नहीं

राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, विधायिका और न्यायपालिका एक दूसरे के खिलाफ नहीं

राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, विधायिका और न्यायपालिका एक दूसरे के खिलाफ नहीं
Modified Date: March 26, 2025 / 01:49 pm IST
Published Date: March 26, 2025 1:49 pm IST

नयी दिल्ली, 26 मार्च (भाषा) राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका एक दूसरे के खिलाफ नहीं हैं और उन्हें नियंत्रण और संतुलन के साथ मिलकर काम करना होगा।

उन्होंने, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के नई दिल्ली स्थित घर पर नोटों की गड्डियां मिलने पर उठे विवाद की पृष्ठभूमि में न्यायपालिका और विधायिका के अधिकारों पर चर्चा करने के लिए कल मंगलवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की शाम साढ़े चार बजे एक बैठक बुलाई थी।

इस बैठक के बारे में आज उन्होंने सदन को जानकारी देते हुए कहा ‘‘मुझे सदन को यह बताना है कि कल हमने, जनता के मन को झकझोर देने वाले इस मुद्दे पर बहुत ही सार्थक बातचीत की।’’

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कल संपन्न हुई इस बैठक में सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता मौजूद थे।

सभापति ने बैठक का विस्तृत ब्यौरा न देते हुए कहा कि विचार-विमर्श आम सहमति से हुआ, जिससे सहयोग और चिंता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा संस्थाओं के बीच का नहीं है।

उन्होंने कहा ‘‘ ऐसा नहीं है कि कार्यपालिका, विधायिका या न्यायपालिका एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी हैं।’’

धनखड़ ने कहा, ‘‘देश में सभी संस्थाओं को एक साथ मिलकर काम करना होगा… और साथ ही, निगरानी और संतुलन भी होना चाहिए, जिसका उद्देश्य अच्छा है।’’

बैठक में हुए विचार-विमर्श का ब्यौरा दिए बिना, सभापति ने कहा कि सदन के नेता और विपक्ष के नेता दोनों ने कहा कि अपने-अपने दलों के भीतर व्यापक विचार-विमर्श करने के बाद, वे आगे की चर्चा के लिए उनके पास आएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘सदन के नेता और विपक्ष के नेता दोनों ने अन्य लोगों के साथ अपने विचार साझा करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है।’’

भाषा

मनीषा माधव

माधव


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