नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और राकांपा-(एससीपी) के तीन सदस्यों को सदन से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिकाओं का निपटारा कर दिया।
राज्यसभा सदस्य (दलबदल के आधार पर अयोग्यता) नियम, 1985 के उपनियम 6(2) के तहत प्रफुल्ल पटेल द्वारा 20 नवंबर, 2023 को वंदना चव्हाण और फौजिया खान (3 अप्रैल, 2020 से 2 अप्रैल, 2026) के संबंध में सभापति के विचार के लिए एक याचिका प्रस्तुत की गई थी।
इसके साथ ही 21 नवंबर, 2023 को पटेल के संबंध में चव्हाण द्वारा ऐसी ही एक और याचिका प्रस्तुत की गई थी।
दोनों याचिकाएं संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत थी। लोकप्रिय रूप से इसे ‘दल बदल विरोधी कानून’ कहा जाता है।
सुबह के सत्र के दौरान, धनखड़ ने सदन को सूचित किया कि उन्हें इन याचिकाओं के संबंध में राकांपा (एससीपी) के शरद पवार और राकांपा के प्रफुल्ल पटेल से पत्र मिले थे थे और दोनों ने आग्रह किया कि मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाए।
सभापति ने कहा, ‘‘मेरा द्वारा गंभीरता से विचार करने बाद, याचिकाओं की वैधता के साथ-साथ इन प्रासंगिक हस्तक्षेपों पर भी विचार करते हुए, मुझे लगता है कि दोनों याचिकाओं को समाप्त करना उचित है और तदनुसार उनका निपटारा किया जाता है।’’
चव्हाण का कार्यकाल 2 अप्रैल, 2024 को पूरा हो गया था। पटेल ने 27 फरवरी, 2024 को उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और तीन अप्रैल, 2024 से छह साल के लिए राज्यसभा के लिए फिर से चुने गए थे।
फौजिया खान का कार्यकाल अगले साल अप्रैल को खत्म हो रहा है।
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ब्रजेन्द्र माधव
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