अहमदाबाद। राजकोट के ‘गेम जोन’ में आग लगने की घटना के बाद गुजरात पुलिस ने राज्य में कथित तौर पर बिना वैध अनुमति के संचालित किये जा रहे 18 ‘गेम जोन’ के मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने मंगलवार को गांधीनगर में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विकास सहाय और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद सभी पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को अवैध ‘गेम जोन’ के प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।
टीआरपी गेम जोन में 25 मई को लगी भीषण आग में बच्चों समेत कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई थी। सांघवी ने पुलिस अधिकारियों को अग्नि संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) या अन्य अनिवार्य लाइसेंस और बिना अनुमति के संचालित ‘गेम जोन’ के मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने बताया कि राजकोट शहर में पुलिस ने एक वाटर पार्क समेत आठ ‘गेम जोन’ को सील कर दिया और बिना किसी अनुमति के संचालन करने के लिए उनके मालिकों के खिलाफ मामले दर्ज किए। उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य) और गुजरात पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
अहमदाबाद में, पुलिस आयुक्त जी.एस. मलिक ने बताया कि पुलिस ने मंगलवार को चार ऐसे अवैध ‘गेम जोन’ को सील कर दिया और उनके मालिकों के खिलाफ मामले दर्ज किए। पुलिस ने बताया कि सूरत में रांदेर, पाल, उमरा और वेसू इलाकों में स्थित कुल छह गेम जोन को सील कर दिया गया और बिना वैध अनुमति के इन्हें संचालित करने के लिए उनके मालिकों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार को राजकोट नगर निगम को ‘गेम जोन’ के संचालन में कथित खामियों को लेकर फटकार लगाई थी।